डेस्कः राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोक निर्माण विभाग (PHED) मंत्री डॉ. महेश जोशी से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission- JJM) घोटाले में ईडी अधिकारियों ने 8 घंटे तक पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस सरकार में ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। पहले एसीबी ने जांच की। इसके बाद इस प्रकरण में ईडी की एंट्री हुई।
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी महेश जोशी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। कई नोटिस देने बाद गुरुवार को महेश जोशी ईडी दफ्तर पहुंचे। घोटाले से जुड़े मामले में उनसे पूछताछ की गई और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि जलदाय विभाग (PHED) और केंद्र की हर घर नल योजना के तहत टेंडरों में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया।
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इस घोटाले की जड़ में दो फर्म
श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी हैं, जिन्होंने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के सहारे भारी-भरकम टेंडर हथिया लिया। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने जलदाय विभाग की 68 निविदाओं में हिस्सा लिया, जिनमें से 31 में ये कंपनी सबसे कम दर वाली (L-1) बनकर उभरी और 859.2 करोड़ रुपये के टेंडर अपने नाम कर लिए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 टेंडरों में भाग लिया और 73 में L-1 बनते हुए 120.25 करोड़ रुपये के ठेके झटक लिए।
कैसे खुला मामला
शिकायतों का सिलसिला फरवरी 2023 से शुरू हुआ, जब यूपी निवासी पदम सिंह ने नौ अधिकारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए ईमेल से शिकायत भेजी। इसके बाद वकील मनेश कुमार कलवानिया ने भी मार्च में शिकायत भेजी, लेकिन किसी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मई 2023 में वित्तीय समिति को आरोपों की जानकारी होने के बावजूद टेंडर पास कर दिए गए।
बाद में अगस्त 2023 में एसीबी ने कार्रवाई तेज करते हुए विभाग के इंजीनियर मायालाल सैनी, ठेकेदार पदमचंद जैन, सुपरवाइजर मलकेत सिंह और दलाल प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया। सितंबर 2023 में एफआईआर दर्ज हुई और ईडी ने भी केस में एंट्री मार ली। मई 2024 में केंद्र की अनुमति के बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया और अक्टूबर 2024 में ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
अंततः 24 अप्रैल 2025 को ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी जल जीवन मिशन घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। अब देखना ये होगा कि इस गिरफ्तारी के बाद और किन बड़े नामों का भांडा फूटता है।
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