नई दिल्ली/रांची: झारखंड स्थित हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (HEC) के कर्मचारियों का वेतन संकट गहराता जा रहा है। लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने स्पष्ट किया कि सरकार ने HEC के पुनरुद्धार के लिए कोई योजना नहीं बनाई है । बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में यह प्रश्न पूछा था जिसके जवाब में मंत्री ने ये बातें कहीं ।
कर्मचारियों को 29 महीने तक का वेतन बकाया
मंत्री ने जवाब में बताया कि HEC एक स्वायत्त कानूनी इकाई है और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए उसे अपने संसाधनों की व्यवस्था खुद करनी होगी। मंत्री के अनुसार, भारी घाटे के कारण HEC गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जिससे कर्मचारियों के वेतन का भुगतान प्रभावित हुआ है।
पप्पू यादव के सवाल पर जवाब
लोकसभा सदस्य पप्पू यादव ने मंत्री से पूछा था कि क्या एचईसी के हालात को सुधराने के लिए सरकार के पास कोई योजना है तो सरकार की ओरे से सीधा जवाब नहीं का आया । मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर्मचारियों को केवल 4.5 महीने का वेतन दिया गया है, जबकि कुल बकाया वेतन 29 महीने तक पहुंच चुका है। कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन क्रमशः 25 महीने और 29 महीने से लंबित है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
सरकार ने वेतन संकट पर पल्ला झाड़ा
लोकसभा में पूछे गए प्रश्न में यह भी जानने की कोशिश की गई थी कि सरकार वेतन भुगतान के लिए कोई ठोस कार्रवाई कर रही है या नहीं। इस पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह मामला उद्योग विभाग के अंतर्गत नहीं आता, और HEC को स्वयं वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे।
HEC कर्मचारियों में रोष, समाधान की मांग
HEC के कर्मचारियों में भारी रोष है, क्योंकि लगभग तीन वर्षों से उनका वेतन नियमित रूप से नहीं मिला है। कर्मचारियों ने सरकार से फौरन हस्तक्षेप कर वेतन संकट सुलझाने और HEC के पुनरुद्धार की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है।
सरकार के इस रुख से HEC के कर्मचारियों के भविष्य पर और अधिक अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या सरकार इस संकट का कोई समाधान निकालती है या नहीं।