रांचीः सोशल मीडिया के जमाने पर बिना पूंजी के नायक बनते हुए दिख रहे हैं झारखंड खतियानी संघर्ष समिति के नेता Jairam Mahto। गिरिडीह, रामगढ़, धनबाद, रांची में जयराम का क्रेज कईयों की नींद उड़ा रहा है । खुद को टाइगर जयराम महतो लिखने वाले युवा नेता की राजनीति ने लोकसभा चुनाव 2024 में नया माहौल तैयार कर दिया है । कम से कम गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग और रांची लोकसभा सीटों पर जयराम की जेबीकेएसएस बहुत बड़ा असर डालने वाली है ।
जयराम महतो उभरते हुए नेता हैं। जहां जाते हैं युवाओं का साथ मिलता है, महिलाएं उन्हें पसंद करती हैं। बिना किसी बड़ी आर्थिक मदद के सिर्फ अपने भाषणों से कई जिलों में अपना कद बढ़ाने वाले जयराम महतो की सफलता और असफलता तो आने वाले दिनों में तय होगी लेकिन इस युवा नेता से सबसे ज्यादा खतरा माना जा रहा है सुदेश महतो को और उनकी पार्टी आजसू को । सुदेश महतो कुड़मी समाज के नेता के तौर पर दशकों से स्थापित हैं। रांची, रामगढ़ हजारीबाग और गिरिडीह समेत कई जिलों में उनका असर रहा है लेकिन जयराम के आने के बाद कुड़मी अब अपने पुराने नेता की जगह जयराम में उम्मीद की किरण देखने लगा है ।
जयराम के क्रेज के आगे सुदेश फीके ?
जयराम महतो औऱ सुदेश महतो दोनों हैं तो जमीन से जुड़े नेता लेकिन फर्क है ताम -झाम का और नए और पुराने का । जयराम बेबाक बोलते हैं ना उनको बीजेपी से फिलहाल कुछ लेना और ना ही जेएमएम कांग्रेस से कोई खास लगाव दिखता है। लिहाजा बड़ी संख्या में युवा वोटर्स उनके साथ इसलिए जुड़ता हुआ दिख रहा है क्योंकि सुदेश महतो उनके मुद्दों को उस पुरजोर तरीके से नहीं उठाते हुए दिखते हैं जितनी शिद्दत से जयराम महतो नजर आ रहे हैं।
मुद्दों की राजनीति में जयराम भारी
चाहे रोजगार का मुद्दा हो या फिर स्थानयीता का मुद्दा जयराम महतो अपने इलाके में घूम-घूम कर युवाओं को गोलबंद कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जयराम के साथ सिर्फ कुड़मी समाज का युवा नहीं है बल्कि दूसरी जातियों के युवा और खासतौर से मुस्लिम युवा भी नजर आ रहे हैं। सुदेश महतो के लिए यहीं से चुनौती खड़ी हो रही है । ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन पार्टी का युग अब हाशिए पर जाता हुआ नजर आ रहा हैं । सुदेश महतो अकेले संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं । उनकी पार्टी गिरिडीह में अपने प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को जिताने के लिए जी तोड़ कोशिश करती दिखती तो है लेकिन जयराम का डर उन्हें सताया जा रहा है ।
विधानसभा चुनाव में जयराम कर देंगे खेला 8
सुदेश महतो वर्षों से बीजेपी के साथ हैं। हांलाकि झारखंड की सत्ता से दूर रहे है लेकिन बीजेपी का सहयोग बने रहने की वजह से उन्हें अपने कोर वोटर का नुकसान झेलना पड़ सकता है । खासतौर से हेमंत सोरेन के जेल जाने, जयराम महतो के उभरने और कल्पना सोरेन के क्रेज के परिप्रेक्ष्य में । सुदेश महतो ने अगर वक्त रहते अपनी रणनीति को मजबूत नहीं किया और पार्टी को कमजोर होने से नहीं बचाया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है । कम से रांची, धनबाद, रामगढ़, हजारीबाग और गिरिडीह जिलों में उनका कमजोर होना तय माना जा रहा है ।
संताल परगना के मिशन पर अमित शाह, खड़गे, तेजस्वी यादव और कल्पना सोरेन की भी जनसभा