रांची: 2019 विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन द्वारा किये गए चुनावी वादों और रोजगार- स्थानीय नीति पर मुख्यमंत्री के सदन में बयान देने की मांग को लेकर बैठे विपक्ष के सदस्यों का धरना विधानसभा के अंदर जारी रहेगा। दोपहर में बीजेपी सदस्यों के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया था लेकिन उसके बाद भी विपक्ष के नेता सदन में मौजूद रहे और मुख्यमंत्री के बयान देने पर अड़े रहे।
झारखंड विधानसभा के अंदर अंधेरे में धरने पर बैठे हुए है बीजेपी के विधायक, मुख्यमंत्री से चुनावी वादों पर जवाब देने की कर रहे है मांग
बीजेपी विधायकों के धरने की सूचना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शाम में विधानसभा पहुंचे और धरने पर बैठे विपक्ष के विधायकों से मुलाकात की लेकिन उनके मनाने के बाद भी विपक्ष के सदस्य धरने पर बैठे रहे। विपक्ष के सदस्य ने मुख्यमंत्री से गुरूवार को सदन के अंदर जवाब देने की बाते कही तो मुख्यमंत्री ने उन्हे कहा कि वो शुक्रवार को उनके हर सवाल का जवाब देंगे। उन्होने कहा कि सदन में कौन सदस्य कब बोलेगा या किस मुद्दे पर चर्चा होगी वो मुख्यमंत्री तय नहीं करते वो विधानसभा अध्यक्ष तय करते है, ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। वो शुक्रवार को सदन में अपना बयान देंगे।
मुख्यमंत्री के जवाब की मांग को लेकर बीजेपी के विधायक सदन स्थगित होने के बाद विधानसभा में धरने पर बैठे, सत्ता पक्ष ने बताया लोकतंत्र का काला अध्याया
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक विरंची नारायण से मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी मांग नहीं मानी इसलिए हमारा धरना जारी रहेगा। हम रात भर विधानसभा में ही रहेंगे। सत्ता पक्ष के इशारे पर विधानसभा की लाइट, एससी, पंखा बंद कर दिया गया है फिर भी हम विधानसभा में ही डटे रहेंगे। वही दूसरी ओर मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जमीन पर बैठकर उन लोगों को मनाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने मानवता दिखाई और उनसे मिले उन्हे चाय पिलाने का भी ऑफर दिया लेकिन विपक्ष के विधायक हठधर्मिता पर उतरे हुए है। वो जो मुद्दे उठा रहे है उसे सुलझाने का उनकी डबल इंजन की सरकार को भी मौका मिला था।