रांची: प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के पूर्व गृह सचिव राजीव अरूण एक्का के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। लोकपाल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि झारखंड में मनी लॉउंड्रिंग की जांच के दौरान विशाल चौधरी सहित अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। छापेमारी के दौरान विशाल चौधरी और राजीव अरूण एक्का के मधुर संबंधों के साथ कई अन्य तरह की गड़बड़ी की जानकारी मिली थी। इस मामले में प्रारंभिक जांच के बाद राजीव अरूण एक्का को समन कर उनका पक्ष जाना गया था। इसके बाद जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर राजीव अरूण एक्का के संबंध में रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गयी, लेकिन राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
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ईडी ने लोकपाल को पीएमएलए की धारा 66 के तहत राज्य सरकार के साथ साझा की गयी रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध करायी है। इसमें विशाल चौधरी और उसकी पत्नी की कंपनियों से बाजार मुल्य से अधिक दर पर सरकारी विभागों में सामान की खरीददारी का उल्लेख है। साथ ही इसके बदले राजीव अरूण एक्का द्वारा ली गयी अनुचित लाभ से संबंधित जानकारी दी गई है।
ईडी ने बताया है कि झारखंड में मनरेगा घोटाला और अवैध पत्थर खनन मामले की जांच के दौरान नेताओं और नौकरशाहों के करीबी निवेशक विशाल चौधरी के ठिकानों की 24 मई 2022 को तलाशी ली गई थी। तलाशी में तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरूण एक्का का लिंक मिला था। जिसके आधार पर ईडी ने एक्का, उनकी पत्नी, बहनोई और अन्य रिश्तेदारों के घर तलाशी ली थी। ईडी ने एक्का और उनके परिजनों के आय के स्त्रोत और निवेश को खंगाला था। एक्का के पास आय से अधिक संपत्ति का पता चला।
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ईडी को अवैध पत्थर खनन मामले में जांच के दौरान पता चला कि एक्का ने विशाल चौधरी के साथ बाजार से तीन गुना अधिक कीमत पर सामान खरीदा था। उन्होने ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए भी विशाल चौधरी के जरिए रिश्वत ली। डिलिंग कोड वर्ड में हुई थी। एक्का के लिए आर सर, आरएई, पत्नी श्वेता सिंह के लिए एसएससी, पैसे के लेन देन में लाख के लिए फाइल व करोड़ के लिए फोल्डर शब्द का इस्तेमाल किया गया था। एक्का ने अपनी पत्नी को दिल्ली के अस्पताल में कार्यरत दिखाकर वहां से वेतन भत्ता लने का फर्जी दावा किया। विशाल चौधरी ने दूसरे माध्यमों से राजीव अरूण एक्का द्वारा इस्तेमाल किये गये क्रेडिट कार्ड के लिए पैसों का भुगतान किया।