डेस्कः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी अजय जडेजा जामनगर राजघराने के वारिस होंगे। जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी ने अपने वारिस की घोषणा कर दी। वर्तमान में शत्रुशल्यसिंहजी निसंतान है, इस वजह से उन्हे अपने वारिस की पसंदगी करनी थी और उन्होने अजय जडेजा को अपना वारिस चुना।
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अजय जडेजा को वारिस चुनने के बाद शत्रुशल्यसिंह जी ने कहा कि मुझे आनंद है कि अजय जडेजा नवा नगर के नए जाम साहब होंगे, मुझे लगता है कि यह जामनगर की जनता के लिए आशीर्वाद रूप में होगा। पूर्व क्रिकेटर जामनगर के ही है और नवानगर रियासत से ताल्लुक रखते है। वह पहले से ही शत्रुशल्यसिंहजी के करीबी रहे है।
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जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी के पिता दिग्वजय सिंह 33 साल जाम साहब रहे थे, उनके चाचा रणजितसिंहजी ने उन्हे गोद लिया था और अपना वारिस बनाया था। जाम साहब रणजितसिंहजी के नाम से भारतीय क्रिकेट टीम की घरेलू स्पर्धा रणजी ट्रॉफी खेली जाती है। रणजितसिंहजी जडेजा स्वतंत्रता से पहले से ही भारतीय क्रिकेट टीम के बेस्ट बैट्समैन माने जाते थे। रणजितसिंहजी और दिलिपसिंहजी के परिवार से अजय जडेजा आते है। महान क्रिकेटर केएस रणजितसिंहजी 1907 से 1933 तक नवानगर के शासक थे। रणजितसिंहजी और दिलिपसिंहजी के नाम से रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी खेली जाती है।
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अजय जडेजा भी भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज और फिल्डर रह चुके है। वो 1992 से 2000 तक भारतीय क्रिकेट टीम के हिस्सा थे, वो टीम के उपकप्तान थे और कई बार टीम की कप्तानी भी की। उन्हाने भारत के लिए 15 टेस्ट और 196 वनडे मैच खेले लेकिन मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद उनका क्रिकेट कैरियर खत्म हो गया और उनपर बैन लगा दिया गया। 2003 में दिल्ली हाईकोर्ट ने जडेजा पर से बैन हटा दिया लेकिन उन्होने इसके बाद कभी क्रिकेट नहीं खेली। वह आईपीएल में अलग अलग टीमों में मेन्टोर की भूमिका में रहे और हाल ही में उन्होने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के लिए कोच की भूमिका निभाई थी।