रांची: संसद सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के बयान पर सियासी बवाल मच गया है। संसद परिसर में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर गांधी परिवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
UAPA के आरोपी झारखंड के पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, नक्सली संगठन से सांठगांठ का आरोप
सोनिया गांधी ने बजट सत्र पर राष्ट्रपति के भाषण को लेकर कहा कि Poor lady was tired at the end,जबकि उनके बेटे राहुल गांधी ने इसे “उबाऊ” करार दिया।हालांकि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के शुरुआती भाषण के बाद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करने से परहेज किया, लेकिन संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू के एक घंटे लंबे भाषण के बाद राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान उनको अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुना गया। बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए इसे आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान बताया।
#WATCH दिल्ली: संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने कहा, "...अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थी...वे मुश्किल से बोल पा रही थीं..." pic.twitter.com/xT8AB1q6zD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2025
महाकुंभ: श्रद्धालुओं के लिए बन रहे भोजन में मिट्टी डालने का मामला, इंस्पेक्टर को किया गया सस्पेंड
बीजेपी विधायक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी एक आदिवासी महिला के बारे में कांग्रेस की यही सोच है। यह आदिवासी समाज का अपमान है। इसके साथ-साथ, यह सभी महिलाओं का अपमान है।कभी आदिवासी धर्म कोड हटाने, तो कभी आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर गोली चलवाने वाले कांग्रेसियों का यही चरित्र है। यही इनकी सच्चाई है।ये लोग यह कभी पचा ही नहीं सकते कि कोई आदिवासी महिला देश के सबसे बड़े पद पर पहुंचे। आजादी के साढ़े सात दशकों बाद, यह सम्मान भी भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के कार्यकाल में ही संभव हो पाया।महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी पर आदिवासी समाज समेत पूरे देश को गर्व है। उनके इस अपमान को बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी एक आदिवासी महिला के बारे में कांग्रेस की यही सोच है। यह आदिवासी समाज का अपमान है। इसके साथ-साथ, यह सभी महिलाओं का अपमान है।
कभी आदिवासी धर्म कोड हटाने, तो कभी आंदोलन कर रहे आदिवासियों पर गोली चलवाने वाले कांग्रेसियों का यही चरित्र है। यही…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) January 31, 2025