बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया। पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बिहार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ के बैनर तले अंशकालीन शारीरिक शिक्षकों ने स्थायी करने की मांग को लेकर विकास भवन के समीप प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के आगे बढ़ते ही वहां मौजूद पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल महिला शिक्षकों को भी खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में 10 प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पुलिस ने संघ के अध्यक्ष सहित अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। डीएसपी सचिवालय सुशील कुमार ने बताया कि निषेधाज्ञा की वजह से सचिवालय इलाके में चार से ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठा होने पर पाबंदी थी। बावजूद इसके शारीरिक शिक्षकों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन किया। इसके कारण आंदोलनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को हल्का बल का प्रयोग करना पड़ा।
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राज्यभर से अंशकालीन शारीरिक शिक्षक शुक्रवार को वेतन बढ़ाने और पूर्णकालिक कर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर गर्दनीबाग धरना स्थल पर एकत्र हुए थे। मांग नहीं माने जाने पर करीब 200 की संख्या में शिक्षक शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे विकास भवन के गेट पर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे।
पुलिस का कहना है कि विधानमंडल का मानसून सत्र चलने के कारण इलाके में शुक्रवार को भी निषेधाज्ञा लागू थी। लिहाजा वहां पहले से भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। इसी बीच भीड़ की शक्ल में प्रदर्शनकारी पहुंच गए। वे विधानसभा तक पहुंचना चाहते थे जिसपर पहले से रोक लगाई गई थी। लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं हुए। इस वजह से पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। घायल शिक्षकों ने बताया कि वे जुलूस लेकर आगे बढ़ रहे थे। अचानक पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया और बेरहमी से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे शिक्षकों की पिटाई कर दी।