पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के मुसलमानों को आरक्षण दिये जाने के बयान पर खूब सियासी बयानबाजी शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू यादव के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें तो इसी बात की आशंक लग रही थी कि अगर ये सत्ता में आ जाएंगे तो एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण काटकर मुस्लिमों को दे देंगे। लालू यादव ने ये बयान देकर हमारी आशंका को सच साबित कर दिया।
मुस्लिमों को मिलना चाहिए पूरा आरक्षण, तीसरे चरण के वोटिंग के दौरान लालू यादव का बड़ा बयान
PM मोदी ने बोला लालू पर हमला
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के बीच लालू यादव के इस बयान ने काफी सियासी भूचाल मचाया तो बाद में लालू यादव को इस मामले पर सफाई देनी पड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू यादव के मुस्लिमों के आरक्षण वाले बयान पर कहा कि कांग्रेस चुप है उसके एक बड़े साथी जो चारा खाने के कारण जेल में है अदालत ने जिनको सजा दी है। सुप्रीम कोर्ट तक ने माना किया कि इन्होने भ्रष्टाचार किया है। इनकी बेशर्मी देखो अभी तबियत के कारण जमानत पर आये है, वो कैदी है गुनहगार है। गांव में कोई कैदी जेल से छूट कर आता है तो कोई अपनी बेटी का विवाह भी वहां नहीं करता, लेकिन कांग्रेस वाले इतने गिर चुके है कि उन्हे माथे पर बैठाकर घूम रहे है। उन्होने कहा कि आरक्षण मुसलमानों को मिलना चाहिए , इसका मतलब ये हुआ कि एससी-एसटी-ओबीसी का आरक्षण छीनकर वो मुसलमानों को देना चाहते है। आखिये ये लोग ऐसा बोले भी क्यों नहीं, इसी वोट बैंक के सहारे ये सांस गिन रहे है सभी उनको छोड़कर चले गए है बस यही इनके बचे है। मै तो इतने दिनों से यही कह रहा था ये आपका आरक्षण काटकर मुसलमानों को देंगे ये तो पूरा आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते है ये बात ये वोटिंग के दिन कह रहे है।
लालू ने दी सफाई
प्रधानमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया के बाद लालू यादव ने सफाई देते हुए कहा कि आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है। 𝐏𝐌 को इतनी सी भी समझ नहीं है। मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है। क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी है? मंडल कमीशन में 𝟑𝟓𝟎𝟎 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है। ये हमसे बड़े और असली 𝐎𝐁𝐂 नहीं ना है? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की इनको समझ नहीं है। ये लोग बस एक-दूसरे को लड़ाते है।बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 𝟐𝟎𝟎𝟎 में 𝐍𝐃𝐀 की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था।ये लोग संविधान को मानते ही नहीं, अगर संविधान को मानते तो नफ़रत फैलाने वाली विभाजनकारी भाषा का प्रयोग नहीं करते।