लोहरदगाः बीजेपी के वरिष्ठ नेता सधनु भगत के पार्थिव शरीर को पार्टी झंडे से ढक कर फूल माला से दिया संम्मान। संयुक्त बिहार मे मंत्री रहे ,झारखंड आंदोलनकारी सधनु भगत के पार्थिव को गुरुवार की सुबह ब्लॉक मोड़ स्थित उनके आवास से शव वाहन से बक्सी डीपा स्थित भाजपा जिला कार्यालय लाया गया। जहाँ उनके पार्थिव शरीर को पार्टी झंडे में लपेटा गया इसके बाद जिला अध्यक्ष मनीर उराँव के साथ सभी भाजपा कार्यकताओ द्वारा फूल माला से पुष्पार्चन कर अश्रुपूरित नेत्रो से उन्हें अंतिम विदाई दी गयी।
किसान परिवार से थे सधनु भगत
19 जनवरी 1946 को लोहरदगा जिले के हेसल बसारडीह में किसान परिवार में जन्मे सधनु भगत स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर बिरसा सेवा दल से जुड़कर सामाजिक जीवन की शुरुवात की। इसके बाद उन्होंने दिशुम गुरु शिबू सोरेन के संपर्क में आये और झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए। दिसुम गुरु ने उन्हें पार्टी का सचिव बनाया ,इसके बाद सधनु भगत शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में कूद पड़े।
जेएमएम छोड़ बीजेपी में शामिल हुए
सधनु भगत 1994 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, उस समय अलग वनांचल को लेकर पार्टी द्वारा भी जोरदार आंदोलन चलाया जा रहा था,संधनु भगत ने पार्टी में शामिल होने के बाद आंदोलन में जान फूंक दी। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद सधनु भगत के संगठन एवम अलग वनांचल आंदोलन में उनके कार्यो को देखते हुए 1995 के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें लोहरदगा विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया।
लोहरदगा में कमल खिलाया
चुनाव में कांग्रेस एवम भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ी टक्कर में सधनु भगत ने कांग्रेस के कई बार विधायक रहे इंद्रनाथ भगत को लगभग 2800 वोट से हरा कर लोहरदगा विधान सभा मे पहली बार कमल खिलाये और एकीकृत बिहार के विधायक बने।सन 2000 ईसवी के विधान सभा चुनाव में उन्हें पुनः लोहरदगा विधान सभा चुनाव में टिकट मिला और कांग्रेस के उम्मीदवार को हरा कर विधायक बने।15 नवम्बर 2000 को अलग झारखंड में मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के मंत्रिमंडल में परिवहन एवम भवन विभाग का मंत्री बने।इसके बाद उसी कार्यकाल में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के मंत्रिमंडल में श्रमनियोजन एवम प्रशिक्षण विभाग के मंत्री बने ।
राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार क्यों नहीं
दिवंगत नेता स्व सधनु भगत के आंदोलन और राजनीति जीवन मे साथी रहे प्रवीण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि इससे पहले लोहरदगा से सांसद और विधायक की अंतिम विदाई राजकीय सम्मान के साथ