रांची: मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शाम सवा सात बजे राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सीपी राधा कृष्णान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन , प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर में मौजूद थे। चंपाई के इस्तीफा सौंपने के साथ ही हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। उम्मीद है कि गुरूवार को हेमंत सोरेन एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
विधायक दल के नेता चुने गए हेमंत
इससे पहले दोपहर में हेमंत सोरेन के आवास पर हुई गठबंधन दलों की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के इस्तीफे की पेशकश के बाद वहां मौजूद सभी विधायकों ने सर्वसम्मिति से हेमंत सोरेन को अपना नेता चुना। लाइव दैनिक ने सुबह ही इस खबर की जानकारी दे दी थी कि विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर से नेता चुना जाएगा और वो राज्य के नये मुख्यमंत्री होंगे, उनके चेहरे पर ही गठबंधन विधानसभा चुनाव में उतरेगा। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और प्रदीप यादव ने विधायक दल की बैठक से निकलकर इस खबर पर मुहर लगा दी।
6 महीने भी पूरे नहीं कर पाए चंपाई सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार की शाम राजभवन जाकर राज्यपाल डॉ. सीपी राधाकृष्णन को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। चंपाई सोरेन सिर्फ 153 दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। यानी पांच महीने दो दिनों का कार्यकाल रहा। चंपाई सोरेन की गिनती देश के उन मुख्यमंत्रियों में होगी, जिनका कार्यकाल छह महीने से कम रहा।
153 दिनों तक सीएम के पद पर रहे चंपाई सोरेन
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बुधवार शाम 7.15 बजे राजभवन पहुंचे और अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया। इस तरह से चंपाई सोरेन सीएम की कुर्सी पर 13,219,200 सेकंड का रहा। मिनट की बात की जाए तो चंपाई सोरेन 220,320 मिनट और 3672 घंटे तक सीएम रहे। 153 दिनों यानी 21 सप्ताह और छह दिनों में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
चंपाई सोरेन से वैकल्पिक व्यवस्था तक पद पर रहेंगे
इधर, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की ओर से चंपाई सोरेन को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अपने पद पर रहने के लिए कहा गया है। माना जा रहा है कि गुरुवार को हेमंत सोरेन को सीएम के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है। नई सरकार के शपथ ग्रहण में यदि एक-दो दिनों का विलंब भी होता है, तो चंपाई सोरेन वैकल्पिक व्यवस्था तक अपनी जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।
हरीश रावत का कार्यकाल रहा है सबसे कम
सबसे कम समय मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड हरीश रावत के नाम रहा है। हरीश रावत तीन बार उत्तराखंड के सीएम बन चुके हैं, लेकिन वो कभी भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं। हरीश रावत 21 अप्रैल 2016 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन इसके अगले ही दिन राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इस तरह से उनके नाम महज 1 दिन सीएम रहने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
3 नेताओं के नाम 3 दिन सीएम रहने का रिकॉर्ड
हरीश रावत का रिकॉर्ड एक दिन सीएम रहने का है, वहीं देवेंद्र फड़नवीस, बी.एस. येदियुरप्पा और जगदंबिका पाल के नाम तीन सीएम रहने का रिकॉर्ड है। यूपी में 21 फरवरी 1998 को राज्यपाल ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर जगदंबिका पाल को सीएम के रूप में शपथ दिलाई थी। लेकिन अगले ही दिन गवर्नर के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने गवर्नर के आदेश को बदल दिया। जगदंबिका पाल बहुमत साबित नहीं कर पाए। फिर उन्हें कुर्सी कुर्सी छोड़नी पड़ी। उन्हें ‘वन डे वंडर ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स’ कहा जाता है। 23 फरवरी को दोबारा कल्याण सिंह को सत्ता सौंप दी गई।
बिहार में सतीश प्रसाद सिंह 5 दिनों के लिए रहे सीएम
यूपी के सीएम जगदंबिका पाल के अलावा कुछ और सीएम काफी दिनों तक अपने पद पर रहे। बिहार में सतीश प्रसाद सिंह ने 28 जनवरी 1968 को सीएम के रूप में शपथ ली। लेकिन उन्हें पांच दिन बाद यानी 1 फरवरी को अपने पद से त्यागपत्र दे देना पड़ा। बिहार के मुख्यमंत्री पद पर बैठने वाले पिछड़ी जाति के वो पहले नेता थे।
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