एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने झारखंड विधानसभा के पहले चरण में 43 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 683 में से 682 उम्मीदवारों के शपथपत्र के विश्लेषण के बाद रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार 682 में 235 यानी 34 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं।
इनमें कांग्रेस के 94 फीसदी, भाजपा के 83 फीसदी, राजद के 80 फीसदी, जेएमएम के 78 फीसदी, जदयू के 100 फीसदी और बसपा के 24 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं। इन करोड़पति उम्मीदवारों में 63 उम्मीदवारों (9.24 प्रतिशत) के पास पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वहीं, दो करोड़ से पांच करोड़ तक की संपत्ति वाले 78 प्रत्याशी (11.44) हैं। पचास लाख से दो करोड़ तक की संपत्ति वाले 198 प्रत्याशी (29.03) हैं।
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दलों के हिसाब से औसत संपत्ति में कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 14.77 करोड़, भाजपा की 5.53 करोड़ और जेएमएम की 4.04 करोड़ है। वहीं, राजद की औसत संपत्ति 8.82 करोड़, जदयू की 3.46 करोड़ है। बसपा के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति डेढ़ करोड़ है।
पहले चरण के उम्मीदवारों में 49 अंडर ग्रेजुएट हैं। 308 प्रत्याशी यानी 45 उम्मीदवार पांचवीं से 12वीं तक पढ़े हैं। छह उम्मीदवार डिप्लोमाधारक हैं। 18 उम्मीदवार साक्षर हैं और दो असाक्षर हैं। 51 फीसदी उम्मीदवार स्नातक और उससे अधिक की योग्यता रखते हैं। जबकि 39 उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 के बीच है। 51 उम्मीदवार 41 से 60 साल के बीच के हैं।
पहले चरण के उम्मीदवारों में कंदोमनी भूमिज सबसे अधिक अमीर हैं। इनके पास सर्वाधिक चल-अचल संपत्ति है। वहीं, वार्षिक आय के मामले में सबसे अधिक आमदनी पोटका से भाजपा उम्मीदवार मीरा मुंडा दर्शायी हैं। मीरा मुंडा के बाद अजोय कुमार और कुशवाहा शशिभूषण मेहता क्रमश दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहीं कुल संपत्ति में केएन त्रिपाठी दूसरे और रांची से निर्दलीय उम्मीदवार आयुष रंजन तीसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं।
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11 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले दर्ज
रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण के प्रत्याशियों में कुल 26 फीसदी यानी 174 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 19 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दलवार देखें तो भाजपा के 36 में से 20 यानी 56 फीसदी, कांग्रेस के 17 में 11 यानी 65 फीसदी उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं।
वहीं झामुमो के 23 में 11 करीब यानी 48 फीसदी, राजद के 60 फीसदी और जदयू के 100 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जबकि भाजपा के 42 फीसदी, कांग्रेस के 47 फीसदी, झामुमो के 7 फीसदी, बसपा के 21 फीसदी, राजद के 60 फीसदी और जदयू के 100 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। इनमें 11 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले दर्ज हैं। चार उम्मीदवारों पर हत्या और 40 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास के केस दर्ज हैं।