रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले (ECIR No. 05/2024) में अभियुक्त कमलेश कुमार कमलेश कुमार सिंह को जमानत देने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय की सिंगल जज बेंच ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि चूंकि मुकदमे का जल्द समाप्त होना संभव नहीं दिख रहा है और आरोपी 26 जुलाई 2024 से हिरासत में है, इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए।
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मामले का पृष्ठभूमि:
कमलेश कुमार पर झारखंड केकांके और गोंडा थानों में कई मामलों में भूमि अधिग्रहण, जाली दस्तावेज बनाने और लोगों को ठगने के आरोप लगे हैं। इनमें से दो एफआईआर (Gonda P.S. Case No. 120/2022 और Kanke P.S. Case No. 174/2024) को आधार बनाकर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी का आरोप था कि आरोपी ने गैर-बिकाऊ जमीनों, विशेषकर आदिवासी जमीनों की नकली दस्तावेज बनाकर बेची और करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की। साथ ही, उसके आवास से 100 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे।
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आरोपी के तर्क:
आरोपीके वकील श्री कौशिक सरखेल ने दलील दी थी कि बरामद कारतूस उनके सुरक्षा गार्ड के लाइसेंसी हथियार के थे। नकदी की बरामदगी के संबंध में कोई आपराधिक शिकायत दर्ज नहीं है और आरोपी ने धन के स्रोतों की व्याख्या की है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य अपराध (predicate offence) की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और अगर उसमें आरोपी बरी होता है तो PMLA का मामला भी नहीं बनेगा।
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कोर्ट का निर्णय:
कोर्ट नेसुप्रीम कोर्ट के V. Senthil Balaji v. ED जैसे फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जब मुकदमा लंबे समय तक चलने की आशंका हो और हिरासत की अवधि सजा के एक बड़े हिस्से के बराबर हो जाए, तो संवैधानिक अदालतें जमानत दे सकती हैं। कोर्ट ने आरोपी को 10,000 रुपये के जमानत बांड के साथ दो जमानतदारों की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह फैसला आरोपी के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि मुकदमा अभी भी चल रहा है।







