चंपारणः बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बाघ के हमले में एक बुजुर्ग की मौत से लोगों में दहशत है। यहां वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे मंगरुहा वन क्षेत्र के कैरी खेखरिया टोला गांव में बाघ ने एक स्थानीय ग्रामीण पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। किसान की पहचान 61 साल के किशुन महतो के तौर पर हुई है। किशुन महतो की मौत के बाद अब इलाके के लोग इस बात को लेकर भी सहमे हुए हैं कि कहीं बाघ शिकार की तलाश में दोबरा गांव की तरफ ना आ जए। इधर मृतक किशुन महतो के परिवार में कोहराम मच गया है।
बताया जा रहा है कि किशुन कुछ चरवाहों के साथ अपने भैसों को चराने के लिए बुधवार की दोपहर पंडयी नदी के किनारे गए थे। शाम को करीब 5 बजे जब सभी चरवाहे अपने पशुओं को लेकर लौट रहे थे तब ही झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक किशुन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से सभी चरवाहे घबरा गए और उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला।
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बताया जा रहा है कि बाघ ने किशुन को जबड़े में जकड़ लिया औऱ जंगल की ओर ले गया। इधर इस घटना से अन्य चरवाहे खौफ में आ गए। सहमे चरवाहों ने गांव पहुंचकर लोगों को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों ने वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
रात करीब 8 बजे किशुन का शव जंगल से बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। बाघ के हमले में किशुन की मौत से आसपास के खेखरिया, महायोगीन, सोफा समेत कुछ अन्य गांवों में लोग दहशत में है। यह भी बताया जा रहा है कि लोग यहां लाठी-डंडे लेकर अपनी सुरक्षा में लग गए हैं। पुलिस ने बताया है कि मृतक के शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया है। गांव के मुखिया की तरफ से बाघ के हमले की जानकारी पुलिस को दी गई थी। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
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