रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक कद काफी बढ़ गया है। उनकी छवि ऐसे नेता के रूप में उभरी है जो बीजेपी के दवाब के आगे झुके नहीं। जमीन घोटाला मामले में जेल से जमानत पर छुटने के बाद हेमंत सोरेन बीजेपी को खुलौ चुनौती दे रहे है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम को उम्मीद है कि उसकी ताकत बढ़ेगी और एक बार फिर से उनकी सरकार बनेगी। झारखंड में हेमंत सोरेन के प्रभाव को देखते हुए राज्य में एक क्षेत्रीय पार्टी मासस दूसरे दल में यानि जेएमएम में विलय को लेकर मंथन कर रही है।
कॉमरेड एके राय थे मासस के संस्थापक
हेमंत सोरेन और कल्पना झारखंडी नाश्ता मूढ़ी घूघनी खाते हेलीकाप्टर में आये नजर, सोशल मीडिया तस्वीर देख समर्थक हो रहे है उत्साहित
मार्क्सवादी समन्वय समिति का प्रभाव निरसा, सिंदरी, चंदनक्यारी, झरिया, बोकारो विधानसभा क्षेत्रों में रहा है। निरसा से 2014 में अरूप चटर्जी विधायक बने थे लेकिन 2019 में वो चुनाव हार गए। अब 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले मासस अपनी पार्टी का किसी दूसरे पार्टी में विलय को लेकर मंथन कर रही है। उसकी पहली प्राथमिकता झारखंड मुक्ति मोर्चा है जो राज्य की सबसे बड़ी क्षेत्रीय पार्टी है, हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद से माना जा रहा है कि जेएमएम की ताकत राज्य में और बढ़ गई है, ऐसे में मासस चाहती है कि उसकी पार्टी का जेएमएम में विलय हो जाए, अगर किसी कारण से जेएमएम से बात नहीं बन पाती, या मासस के अंदर इसको लेकर एकमत बन पाता है ऐसे में भाकपा माले में मासस का विलय किया जा सकता है। भाकपा माले से अभी विनोद सिंह गिरिडीह के बगोदर से विधायक है और कोडरमा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके है। वामपंथी दलों में माले की ताकत अभी भी राज्य में बनी हुई है। मासस के अंदर इस बात का मंथन हो रहा है कि उसकी ताकत पहले से कम हो गई है ऐसे में अगर वो अपनी बची हुई ताकत के साथ इंडिया गठबंधन के किसी पार्टी में विलय कर लेती है तो उस दल की ताकत भी बढ़ेगी जो बीजेपी से लड़ने में कारगर साबित होगी। 52 साल पहले एके राय ने मासस की स्थापना की थी लेकिन 2019 में 90 साल की आयु में उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद पार्टी कमजोर होती चली गई। राज्य में उसके एकलौते विधायक अरूप चटर्जी भी 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए। धनबाद से पूर्व सांसद रहे कॉमरेड एके राय का प्रभाव धनबाद और बोकारो जिले में रहा है लेकिन अभी की राजनीतिक असलियत ये है कि पार्टी अब कमजोर हो गई है, उसके कैडर अभी भी है लेकिन उसकी संख्या लगातार कम होती चली जा रही है।
विलय होने से दो सीट पर जीत तय
पाल होटल अग्निकांड: बेटे ने मां की मौत का बनवाया फर्जी सर्टिफिकेट, अमेरिका में कर दिया 83 लाख का खेला!
रविवार को मासस के केंद्रीय समिति की बैठक हुई, इसमें पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक आनंद महतो, महासचिव हलदर महतो, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अरूप चटर्जी सहित अन्य नेता मौजूद थे। इस बैठक में पार्टी का विलय जेएमएम या माले में करने पर चर्चा हुई। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो का कहना है कि अगर पार्टी का जेएमएम में विलय होता है तो इसका लाभ महागठबंधन को मिलेगा, विधानसभा में सिंदरी और निरसा दोनों सीटें गठबंधन की झोली में जाएगी। वही पार्टी के कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष अरूप चटर्जी का कहना है कि समान विचारधारा वाले पार्टी में विलय करने पर गहन चिंतन हो रहा है, जल्द ही इसपर फैसला कर लिया जाएगा।