कोडरमा: बरही से कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला अपने ही सरकार के खिलाफ शुक्रवार रात धरने पर बैठे रहे। कोडरमा के चंदवारा प्रखंड कार्यालय में दोपहर में धरने पर बैठे विधायक रात में भी धरने पर बैठे रहे। उन्होने प्रखंड के बीडीओ, सीओ और कल्याण पदाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंत्री इरफान अंसारी के मनाने के बावजूद भी कांग्रेस विधायक नहीं माने।
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शुक्रवार दोपहर को उमाशंकर अकेला अपने समर्थकों के साथ चंदवारा प्रखंड कार्यालय गेट पर धरने पर बैठ गए। उन्होने बीडीओ, सीओ और कल्याण पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि इन अधिकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि ये मेरे विधायक मद से बनने वाली योजनाओं में भी कमीशन देने का दवाब देते है। उन्होने कहा कि दोपहर से रात तक धरने पर बैठे हुए है लेकिन कोई अधिकारी यहां तक की डीसी भी उनसे बातचीत करने नहीं पहुंचे।
कोडरमाः कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला अपनी ही सरकार के खिलाफ रात में धरने पर बैठ
BDO-CO और कल्याण पदाधिकारी पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
कहा- विधायक मद के काम के लिए भी कमीशन देने का बनाते है दवाब@dckoderma @IrfanAnsariMLA @INCJharkhand_ @JmmJharkhand @BJP4Jharkhand… pic.twitter.com/qc1IjHvvdl
— Live Dainik (@Live_Dainik) October 5, 2024
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अधिकारियों द्वारा नोटिस नहीं लेने के बाद उमाशंकर अकेला ने रात पर धरना देने का निर्णय लिया। कांग्रेस विधायक के धरने की जानकारी जब मंत्री इरफान अंसारी को मिली तो उन्होने फोन कर अकेला को मनाने की कोशिश कि लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं माने और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद मंत्री इरफान अंसारी की पहल पर जिला प्रशासन की ओर से अपर समहर्ता पूनम कुजूर और परिवहन पदाधिकारी विजय कुमार सोनी देर रात चंदवारा प्रखंड पहुंचे और विधायक उमाशंकर अकेला की बात सुनने के बाद उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास भी किया। विधायक उमाशंकर अकेला ने सीधे तौर पर प्रखंड के बीडीओ, सीओ और कल्याण पदाधिकारी पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक मद की योजनाओं के भुगतान में बीडीओ टाल मटोल करती है। इसके अलावा उन्होंने बीडीओ कनक पर राज्य सरकार की योजनाओं के संचालन में अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार उनकी है, लेकिन लोकतंत्र में कोई भी धरना दे सकता है। इंसाफ मिलने तक वे बिना सरकारी काम को बाधा डालें धरने पर बैठे रहेंगे। इधर, विधायक को समझाने बुझाने पहुंची अपर समाहर्ता पूनम कुजूर ने कहा कि प्रखंड और अंचल की समस्याओं को लेकर विधायक की कुछ डिमांड है, जिसपर बात की जाएगी। साथ ही विधायक के द्वारा भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लगाए जा रहे आरोपों की जांच भी डीसी के निर्देश पर की जाएगी। काफी मान मनौव्वल के बाद कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर रात साढ़े 12 बजे विधायक मान गए और धरना खत्म किया।