चाईबासा(Chaibasa): कुमारडुंगी के चार बच्चों के लिए बुधवार की रात प्रलय की रात रही । पक्की नींद में सो रहे बच्चों को इल्म भी नहीं होगा कि जिन दीवारों को पहरेदार मान सो रहे हैं वही उन पर यमदूत बन टूट जाएगा । खबर दिल दहलादेने वाली है । भारत में अब कहीं नहीं कच्ची ईंटों का घर बनता है, मगर गरीबी ने कुमारडुंगी के इस परिवार पर जो कहर बरपाया वो खौफनाक है ।
शिवा सोया रह गया
शिवा और मुन्ना गांव के दूसरों बच्चों के साथ शाम में खेलते-खेलते थक गए थे और रात होने पर देवानंद पान के घर ही दूसरे बच्चों के साथ सो गए । रात के करीब नौ बजे अचानक दीवार गिर गई । बेहोशी की हालत में सोए बच्चों को कुछ समझ ही नहीं आया, वे चीखने लगे । पास में सोए दो बुजुर्ग भी दीवार की चपेट में आ गए । आस-पास के घरों से फौरन लोग पहुंचे और मदद करने की कोशिश की । बच्चों को निकाला गया । लेकिन शिवा को जिंदा नहीं निकाला जा सका ।
मुन्ना ने भी रास्ते में तोड़ दिया दम
रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारडुंगी पहुंचाया। डाक्टर्स ने ने मरहम-पट्टी कर चाईबासा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। मुन्ना पान की भी चाईबासा सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक सैकड़ों कच्ची ईंटें शिवा और मुन्ना पर गिरीं जिससे हर अंग चूर-चूर हो गया ।