दिल्लीः केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार (17 अप्रैल, 2025) को नई दिल्ली में कहा कि भारतीय संसद द्वारा पारित किसी कानून को न मानना या लागू न करना “अस्वीकार्य” है। वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के संदर्भ में बोल रहे थे। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ राज्य विधानसभाओं, जैसे तमिलनाडु और कर्नाटक, ने इस विधेयक के पारित होने से पहले ही इसे वापस लेने की मांग की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह अधिनियम उनके राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस कानून का विरोध किया है।
इधर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम पर में सुझाए गए संशोधनों पर सहमित जता दी है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने यह सहमित सुप्रीम कोर्ट के वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 पर रोक के संकेत के बाद जताई। सुझाए गए संशोधनों में प्रमुख रूप से दो में कहा गया कि वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं की जाएगी और घोषित वक्फों पर भी यथास्थिति बनी रहेगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में गुरुवार को हुई दूसरी दिन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई के दौरान संशोधित प्रावधानों के अनुसार गैर-मुस्लिमों को केंद्रीय वक्फ परिषदों और राज्य वक्फ बोर्डों में नियुक्त नहीं किया जाएगा । वक्फ-बाय-यूजर वाले वक्फ में भी अगली सुनवाई की तारीख तक विमुक्त नहीं किया जाएगा। चाहे इसे अधिसूचना या रजिस्ट्रेशन के माध्यम से घोषित किया गया हो।
गोड्डा से बीजेपी सांसद ने इशारों-इशारों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तंज कसा है । उन्होंने लिखा है कि काग़ज़ हिंदू दिखाएँ, मुसलमान को केवल गोरी,गजनी व बाबर दिखाना है
काग़ज़ हिंदू दिखाएँ, मुसलमान को केवल गोरी,गजनी व बाबर दिखाना है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 17, 2025