रांचीःहेमंत सोरेन की विदेश यात्रा पर बीजेपी के हमलों पर जेएमएम की ओर से विनोद पांडेय ने जवाब जिया है । विनोद पांडेय ने कहा है कि एक आदिवासी मु्ख्यमंत्री को बीजेपी विदेश जाते हुए नहीं देख सकते हैं। विनोद पांडे ने कहा कि “हेमंत सरकार की किसी भी सकारात्मक पहल के प्रति भाजपा नेताओं में ईर्ष्या और असुरक्षा सर्वव्यापी है। भाजपा की प्रतिक्रिया में कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है। एक आदिवासी युवा मुख्यमंत्री का विदेश दौरा भाजपा के नेताओं को भला कैसे पच सकता है, ये तो उनके डीएनए में ही नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में झारखंड जल्द ही कई अन्य देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। हेमंत सोरेन जी का नेतृत्व क्षमता बेमिसाल है । ”
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विनोद पांडेय ने कहा कि ” जहां तक प्रश्न है स्पेन और स्वीडन की आर्थिकी का, तो पिछले एक दशक में स्पेन और भारत ने अपने आर्थिक संबंधों को लगातार बढ़ाया है। भारत में 280 से अधिक स्पेनिश कंपनियां काम करती हैं और द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 8.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, जो साल-दर-साल 6.3 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। ”
इधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के यूरोप दौरे पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा, यह सिर्फ कैमरा एक्सपोजर और और सैर सपाटे की दृष्टि से किया जा रहा है। ये पूरा दौरा करदाताओं के पैसे का अनावश्यक निवेश है।वे वास्तविकता में पर्यटन के उद्देश्य से स्पेन और स्वीडन का दौरा कर रहे हैं। स्वीडन और स्पेन में वर्ष 2024 में 13 करोड पर्यटक घूमने आए थे।मुख्यमंत्री जी अपने दल के साथ इस संख्या में इस वर्ष इजाफा करने जा रहे हैं।
प्रतुल ने कहा कि झारखंड एक खनन और कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। भारत के जीडीपी का लगभग 15% हिस्सा कृषि से आता है।देश के साथ झारखंड की बड़ी आबादी रोजगार के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है। प्रतुल ने कहा कि जबकि स्पेन के जीडीपी का मात्र 2.5% हिस्सा कृषि से आता है और स्वीडन का तो सिर्फ 1.7% जीडीपी का हिस्सा कृषि पर आधारित है। कृषि क्षेत्र में तो झारखंड और भारत इन देशों से कहीं आगे हैं।
हेमंत सोरेन ने स्पेन यात्रा पर बीजेपी के आरोपों पर इस तरह दिया जवाब….
प्रतुल ने कहा कि झारखंड में कोयला खदानें, लौह अयस्क खदानें, बॉक्साइट खदानें बड़ी संख्या में है।खनन और कृषि क्षेत्र में निवेश प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारत की खनन टेक्नोलॉजी स्पेन और स्वीडन की तुलना में कहीं ज्यादा उन्नत है। इन दोनों देशों में खनन का कोई बहुत बड़ा इतिहास भी नहीं रहा है। प्रतुल ने कहा कि खनन क्षेत्र में इन देशों से कोई बड़े निवेश या टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।