रांची: अनजान नंबर से WhatsApp कॉल उठाना कितना ख़तरनाक हो सकता है इसका अंदाजा रांची की महिला के साथ हुई वारदात से लगाया जा सकता है । साइबर अपराधियों ने रांची की इस महिला से एक करोड़ से भी अधिक राशि ठग लिए ।
महिला को मनी लॉड्रिंग में फंसाने की साज़िश
झारखंड के विजिलेंस अनुसंधान विभाग के अधीन साइबर क्राइम थाना (केस संख्या 50/25) में एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। आरोपी ने खुद को केंद्रीय एजेंसियों जैसे CBI, NCB और NIA का अधिकारी बताकर लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी और लाखों रुपये की ठगी की।
फर्जी अधिकारी बन Whatsapp कॉल
पुलिस के अनुसार, आरोपी साइबर ठग Whatsapp कॉल पर खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर शिकार से संपर्क करता था। उसे मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग तस्करी जैसे अपराधों में फंसाने की धमकी दी जाती थी। इसके बाद मानसिक दबाव बनाकर तत्काल भुगतान (Immediate Payment) की मांग की जाती थी। इस प्रक्रिया में उसने 1 करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपये की अवैध वसूली की।
आरोपी की गिरफ्तारी और खुलासा
जांच के दौरान तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद हुए हैं। आरोपी ने “महिला समाज कल्याण समिति” के नाम पर YES बैंक में एक फर्जी खाता खोला था, जिसमें पीड़ितों से धनराशि मंगाई जाती थी। केवल चार दिनों में इस खाते में कुल ₹3.10 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ।
देशभर से आईं शिकायतें
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर इस खाते से जुड़ी अब तक देश के विभिन्न राज्यों – हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना आदि – से कुल 27 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
साइबर ठगी का तरीका
ठग पीड़ित को वीडियो कॉल के माध्यम से किसी अधिकारी की वर्दी में व्यक्ति दिखाकर उसे विश्वास दिलाता था कि वह सरकारी एजेंसी से है। फिर “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी देकर पीड़ित को डराता और उससे तत्काल बैंक ट्रांसफर करवाता था। फर्जीवाड़े की यह प्रक्रिया कई चरणों में चलती थी, जिससे शिकार बार-बार भुगतान करने के लिए विवश हो जाते थे।
पुलिस की अपील: सावधान रहें, इन बातों का रखें ध्यान
- कोई भी सरकारी एजेंसी CBI, NIA, NCB या क्राइम ब्रांच आपको वीडियो कॉल पर गिरफ्तार नहीं करती।
- किसी अनजान व्यक्ति की धमकी या दबाव में आकर कभी भी बैंक ट्रांसफर न करें।
- बैंक डिटेल, OTP या UPI पिन किसी से साझा न करें।
- यदि कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
- किसी भी संदिग्ध जानकारी पर स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर थाना से तुरंत संपर्क करें।
गिरफ्तार आरोपी
- लुहक्कन चंद
- बी. विक्रांत
- दुर्गाप्रसाद शर्मा
- लालचंद गंग







