पटनाः पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष के दौरान बिहार के एक और बेटे की जान चली गई है। बॉडर की रक्षा करते हुए नवादा जिले के रहने वाले मनीष कुमार शहीद हो गए है। उनका पार्थिव शरीर गुरूवार का उनके पैतृक गांव लाया जाएगा।
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नवादा के कोआकोल प्रखंड के रहने वाले जवान मनीष कुमार की ड्यूटी जम्मू-कश्मीर की सीमा पर लगी थी। सेना के कर्नल ने मनीष कुमार के पिता को बेटी की शहादत की जानकारी दी। उन्होने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जवान की मौत की वजह का पता चल सकेगा।पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष के दौरान अबतक बिहार के चार जवान शहीद हो चुके है। दो महीने पहले ही मनीष की शादी पांडेय गंगौट अपने पैतृक गांव में बड़े धूमधाम से हुई थी। शादी के बाद वो ड्यूटी पर लद्दाख चले गए थे। बताया जा रहा है कि शहीद मनीष कुमार आर्मी नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था। मनीष की मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में डूब गया है। परिजनों और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के मुताबिक कल (गुरूवार) को शहीद जवान का शव आएगा।
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आपको बता दें इससे पहले छपरा निवासी बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज और सीवान के रहने वाले आर्मी जवान रामबाबू सिंह सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। शहीद मो. इम्तियाज के परिजनों को आर्थिक मदद के तौर पर 50 लाख रुपए, बेटे को सरकारी नौकरी समेत कई सुविधाओं का ऐलान नीतीश सरकार ने किया है।
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वहीं रामबाबू आर्मी के ऑपरेटर रामबाबू कुमार सिंह कार्यरत थे। उनके पिता रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके हैं। रामबाबू की शादी पिछले साल दिसंबर 2024 धनबाद में धूमधाम से हुई थी। शादी के बाद वे होली में घर आए थे। इसके बाद उनके ससुर सुभाष चंद्र शर्मा, बेटी और दामाद को अपने घर धनबाद लेकर चले गए थे। 10 अप्रैल को छुट्टी समाप्त होने के बाद वह जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। शहीद जवान के गांव में गमगीन महल रामबाबू की शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, मातम पसर गया।