पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लेकर झारखंड की राजनीति में तपीश बरकरार है। इस बीच चंपाई सोरेन नई दिल्ली से वापस सरायकेला लौट गए हैं। चंपाई ने नई दिल्ली से कोलकाता के लिए उड़ान भरी। शाम करीब पांच बजे कोलकाता पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से वापस अपने गृह क्षेत्र सरायकेला पहुंचे। झारखंड से नई दिल्ली जाने के लिए चंपाई सोरेन ने इसी रास्ते का इस्तेमाल किया था। सूत्रों के अनुसार दिल्ली प्रवास के दौरान उनकी मुलाकात भाजपा के कुछ नेताओं से हुई।
चंपाई ने कोलकाता एयरपोर्ट पर कहा कि उनके पास तीनों विकल्प हैं। ये वो विकल्प हैं जो उन्होंने अपने एक्स पर भावुक पोस्ट कर सार्वजनिक किया था। पोस्ट में उन्होंने अपने आगे के राजनीतिक सफर के लिए तीन विकल्प गिनाए थे, जिसमें एक राजनीति से संन्यास, दूसरा अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा इस राह में अगर कोई साथी मिले तो उसके साथ आगे का सफर तय करना।
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चंपाई को लेकर क्या-क्या अटकलें
सूत्रों के अनुसार चंपाई सोरेन की भाजपा के कुछ नेताओं से मुलाकात हुई है। इस दौरान यह रोडमैप बनाया गया कि उन्हें जमशेदपुर या रांची में एक कार्यक्रम का आयोजन कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई जाएगी। हालांकि भाजपा और चंपाई की ओर से इस प्रकार की मुलाकात से इनकार किया गया है। चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात होने से जुड़े सवाल पर चुप्पी साध ली। चर्चा यह भी है कि चंपाई सोरेन एक अलग संगठन बनाकर चुनाव में उतर सकते हैं। सूबे की सियासत में संशय ये बादल अगले कुछ दिनों में छट जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
एयरपोर्ट पर बोले- हां, मैंने अपमान महसूस किया
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के चेहरे पर सियासी भागम भाग की थकान मंगलवार को दिख रही थी। दिल्ली से वापसी की राह में जो सवाल उनका इंतजार कर रहे थे, उनका जवाब देते हुए चंपाई झल्ला गए और असहज भी नजर आए। वे सवालों का आधा-अधूरा जवाब देकर निकल गए। कोलकाता एयरपोर्ट पर मंगलवार को उन्होंने सिर्फ इतना दोहराया कि हां, मैंने अपनामित महसूस किया है। संवाददाता के भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है। इसके बाद कुछ अन्य सवालों से कतराते नजर आए।
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गुरुजी अब भी मेरे आदर्श, तीन विकल्प मौजूद
शिबू सोरेन के लिए आपको हनुमान स्वरूप माना जाता था, उसका क्या, के सवाल पर चंपाई बोले कि गुरुजी अब भी मेरे आदर्श हैं। आगे क्या करेंगे पूछने पर उन्होंने कहा कि तीन विकल्प हैं, उस पर अपने लोगों से जमशेदपुर पहुंचकर चर्चा करूंगा। इन सवालों का बिना स्पष्ट जवाब दिए चंपाई निकल गए। इस बीच देर रात तक उनके समर्थक सर्किट हाउस व बिष्टूपुर के एक व्यवसायी के घर पर उनका इंतजार करते रहे।
इधर, उनके भाजपा में जाने की चर्चा के बीच कोल्हान के विधायक मीडिया से बातचीत में पूरी सतर्कता बरतते दिखे। चंपाई दा का नाम आते ही एक लाइन में कहते रहे कि वे क्या कर रहे हैं, क्या सोच रहे हैं, उसकी हमें जानकारी भी नहीं है। यह उनका निजी मामला है, हमारे लिए झामुमो ही सबकुछ है। इससे ऐसा लग रहा है कि अब चंपाई सोरेन के विचार के बारे में किसी को स्पष्ट जानकारी नहीं है। जो विधायक उनके शिष्य कहे जाते थे, वे सार्वजनिक तौर पर उनकी चर्चा करने से भी झिझकने लगे हैं। मीडिया से तो ये विधायक चंपाई को लेकर बात करने से बच रहे हैं।
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