रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची परिसर में आयोजित तीन दिवसीय “एग्रोटेक किसान मेला-2025 के उद्घाटन समारोह में हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले दिनों सरकार झारखंड के उन खेतों तक लिफ्ट एरिगेशन के जरिए पानी पहुंचाएगी जहां सिंचाई की सुविधाएं नहीं है । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि खेती-किसानी और कृषि अपने आप में एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। झारखंड जैसे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एक महत्वपूर्ण विषय है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के स्थापित हुए लगभग 45 वर्ष हो चुके हैं। यह विश्वविद्यालय राज्य में किसानों के उत्थान के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में काबिल बनाया जा रहा है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर कई छात्र-छात्राओं ने देश और दुनिया में आज किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड पठारी क्षेत्र में बसा हुआ राज्य है। वैसे तो प्रत्येक राज्य में खेती-बाड़ी के अलग-अलग पैमाने होते हैं, कहीं सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता है तो कहीं व्यवस्थाओं के बल पर सिंचाई कार्य हेतु पानी पहुंचाया जा रहा है। किसान वर्ग को अन्नदाता कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को अपग्रेड करने की दिशा में कई गतिविधियां की जा रही है, मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ-साथ कृषि-खेती कार्य को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है। कभी-कभी बदलते मौसम के कारण किसान वर्ग के लोग हतोत्साहित होते जाते हैं , तकनीक के माध्यम से ही उन्हें इन समस्याओं से बचाया जा सकता है।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कई योजनाओं को संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खेती-कृषि परिवार से ही आता हूं। पहले हमारे गांव में गन्ने की खेती होती थी, हम लोगों ने खेतों में उगाए गए गन्ने से गुड़ बनते हुए देखा है, लेकिन अब गन्ने की खेती नहीं के बराबर हो रही है इसके कई कारण हो सकते हैं। बहुत किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने खेतों पर से कृषि करना छोड़ दिया है। हमारे राज्य में खेती करने योग्य जमीन की कमी है, राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब कई जगहों पर पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक विकास के लिए बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार को साथ चलकर कार्य करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक बेहतर और मजबूत कार्य योजना बनाई जाएगी। किसान वर्ग के लोग अधिक से अधिक पैदावार कर सकें और उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जा सके ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है, इन सभी चीजों पर विचार-विमर्श करते हुए एक बेहतर पॉलिसी बनाने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से यहां के कृषकों को क्या लाभ मिल रहा है, आने वाले समय में और क्या लाभ दिया जा सकेगा इस निमित्त ब्लूप्रिंट बनाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषकों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी, समय पर किसानों के बीच बीज खाद का वितरण इन सभी चीजों पर विशेष बल दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों में किसान पाठशाला स्थापित की जाएगी, जहां किसान भाई बंधु खेती की आधुनिक तकनीक, पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि झारखंड के किसान वर्गों के लोगों को एक लाख से अधिक कुआं निर्माण योजना का लाभ मिलेगा। नदी तालाब तथा कुआं सिंचाई के पारंपरिक साधन है। बोरिंग कभी-कभी फेल भी हो जाता है, इसीलिए राज्य सरकार द्वारा कुआं निर्माण योजना लाई जा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जो महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है ।