पटनाः बिहार के डीजीपी ने अपराधियों के खिलाफ गवाही नहीं देने जाने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्ती के संकेत दिये है। डीजीपी विनय कुमार ने कहा है कि अब गवाह और गवाही के अभाव में स्पीडी ट्रायल के मामले नहीं लटकेंगे। इसमें गवाह चाहे निजी हो या फिर सरकारी, उन्हें हर हाल में गवाही के लिए कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। केस की सुनवाई के दौरान गवाही के लिए समय पर कोर्ट में पेश न होने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का वेतन बंद कर दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि आपराधिक मुकदमों में गवाह बनाए गए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के लिए बिहार पुलिस बहुत जल्द ही एक वेबसाइट लॉन्च करने जा रही है। इसके माध्यम से पुलिस के वैसे अधिकारियों को कोर्ट में गवाही के लिए समन भेजा जाएगा, जिन्हें आपराधिक मुकदमों में गवाह बनाया गया है और उनका तबादला राज्य के किसी दूसरे जिले में हो चुका है।
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इतना ही नहीं, इस वेबसाइट से वैसे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को भी समन भेजा जाएगा, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या बीमार हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सरकारी गवाहों को गवाही के लिए कोर्ट तक लाना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्हें कोर्ट तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था खुद पुलिस करेगी। साथ ही, उनकी जरूरत के अनुसार अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी।