रांचीः छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनय चौबे पर मुकदमा चलाने की अनुमति के लिउ एसीबी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से मंतव्य लेगा। इस मामले में परामर्श देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता एस नागमुथू को नामित किया गया है।
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छत्तीसगढ़ राज्य में शराब घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई/ एसीबी में मामला दर्ज है। इस केस में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनय चौबे पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए संबंधित जांच एजेंसी द्वारा झारखंड राज्य कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को पत्र लिखा था। झारखंड एसीबी भी शराब घोटाला से संबंधिमत मामला दर्ज कर इसकी जांच कर रही है। इसलिए मुकदमा चलाने से संबंधित अनुमति के लिए कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा एसीबी के अधिकारियों को पत्र लिखा गया था।
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छत्तीसगढ़ एसीबी ने रांची के ही कारोबारी विकास कुमार के बयान पर केस दर्ज किया था। छत्तीसगढ़ एसीबी ने कांड संख्या 36/2024 में 25 मार्च को पत्र लिखकर राज्य सरकार के कार्मिक विभाग से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी। क्यों एसीबी मांग रही विधिक मंतव्य छत्तीसगढ़ एसीबी के द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद इस मामले में तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे, सहायक आयुक्त गजेंद्र सिंह का बयान भी दर्ज किया गया था। छत्तीसगढ़ एसीबी की जांच में यह बात सामने आयी थी कि एक ही सिंडिकेट ने दोनों राज्यों में शराब के ठेके लिए। झारखंड में प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ के ही अरुणपति त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था। जिसके बाद वहां की कई कंपनियों को झारखंड में भी ठेका मिला, जिससे झारखंड सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ। छत्तीसगढ़ सरकार व ईडी के द्वारा इस मामले की जांच की जा रही थी।