रांची: हूल दिवस के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भोगनाडीह में कार्यक्रम में शामिल हुए। सबसे पहले उन्होने सिदो-कान्हो की मूर्ति पर माल्यार्पण किया फिर उसके बाद कार्यक्रम को संबोधित किया। जेल से बाहर आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने पहली बार किसी सरकारी कार्यक्रम को संबोधित किया और उसमें जमकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होने झारखंड बीजेपी के सह प्रभारी हेमंता बिस्व सरमा के रांची दौरे पर बिना उनका और बीजेपी का नाम लिये हुए जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा कि अभी दो दिन हुए है जेल से छुटकर आये हुए और उनके नेता मंडराने लगे फिर से षड्यंत्र कर हमें जेल भेजने के लिए।
विपक्ष के नेता को फर्जी केस में फंसाया
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की मौजूदगी में सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पहली बार घर से निकलने है। ये हूल दिवस हमारे झारखंडवासियों, आदिवासियों-मूलवासियों के लिए प्रेरणादिवस है। सामंती सोच वाले लोगों के लिए हूल उलगुलान का उद्घोष किया है। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन को फर्जी केस करके जेल में डाल देंगे, जो इनका विरोध है। ये कोई भी हद तक चले जाते है। झारखंड एक ऐसी धरती है जो वीरों की धरती है। एक तरफ सिद्धो कानो है तो दूसरी तरफ भगवान बिरसा मुंडा है। इनकी जड़े हमने उखाड़ देने का संकल्प लिया है। हमको क्या डराओगे।
पिछले चार साल में हमने सरकार आपके द्वार से कार्यक्रम के माध्यम से गांव गांव जाकर लोगों की तकलीफ सुनी गई। हमने पहले भी कहां था कि हमारी सरकार बनेगी तो ये सरकार हेडक्वार्टर से नहीं, गांव से चलेगी। इसी कार्यक्रम को रोकने के लिए भरकस प्रयास हुआ, इस दंश हमको भी झेलना पड़ा, ये पांच महीने के जेल की सजा। ये सच्चाई को बहुत देर तक दबाया नहीं जा सकता, न ही जंजीर से बांधा जा सकता है। किसी ने शक्ल में किसी न किसी सुरत में वो आदमी ऐसा पहाड़ बनकर खड़ा होता है, कि ऐसे पहाड़ से लड़ना, ऐसे षड्यंत्रकारियों की हिम्मत नहीं होती।
समय पूर्व चुनाव की तैयारी
बहुत जल्द राज्य के सरकार के लिए समय से पूर्व चुनाव होने वाला है। हम तो कहते है कल ही चुनाव की घोषणा कर दो, हम वादा करते है इस राज्य का एक एक जनता, इस बात को समझ चुका है कि कैसे हमारे जड़ जंगल जमीन को उखाड़ने की साजिश हो रही है, किस तरह से हमारे सरकारी व्यवस्थाओं को बेचने की साजिश हो रही है। आज महंगाई बेलगाम घोड़े की तरह हो गया है, महंगाई आसमान छू रहा है। आज ऐसे ऐसे चीजों पर ये टैक्स लगा रहे है, हम लोग जो दाल-चावल खरीदकर टैक्स देते है, ये लोग लेकर निकल जाते है।
फिर से जेल भेजने का हो रहा षड्यंत्र
अभी तो दो दिन ही हुआ है हमको जेल से आये हुए, दो दिन में ही इनकी ऐसी खलबली मची है, कि देश के बड़े बड़े इनके नेता, अब मेरे आगे पीछे घूमने के लिए ,फिर से हमको कैसे फंसाया जाए, षड्यंत्र किया जाए इसमें लगे है। इसकी चिंता मत करों, अब हमको जेल से डर नहीं लगता, हम तो जेल से घूमकर भी आये है, जेल का रोटी तोड़कर भी आए है। जेल फांसी, पुलिस की लाठी हमारे पूर्वजों ने झेला है, आज उनका संघर्ष इस राज्य में नहीं होता तो आज आदिवासी-मूलवासी की सरकार नहीं होती। हमारा खनिज संपदा राज्य है, इसपर सबका गिद्ध नजर है, इसलिए जब हम सरकार बनाये थे खनिज में एक लाख 36 हजार करोड़ रूपया केंद्र सरकार में हमारा था, जब हमने इसको मांगा, तो हमको जेल में डाल दिया है। ये भी हमारा अनुभवन अच्छा रहा है, हक मांगने का तरीका यही है, हम तो हक लेकर रहेंगे हर हाल में। इस राज्य के खनिज संपदा के लिए इस तरह का हम कायदा कानून बनाएंगे, सबसे पहले इस खनिज संपदा पर अधिकार झारखंड के लोगों के लिए होगा, इसके बाद देश के बाहर जाएगा। हमने निजी कंपनी में स्थानीय लोगों को 75 % नौकरी का कानून बनाया है, हमको खोज खोज कर पता करना होगा कि कौन इस कानून को पूरा नहीं कर रहा है। इस राज्य के अंदर राज्य के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराये, ये हमलोग बहुत जल्द इसकी तैयारी करेंगे। आने वाले राजनीतिक लड़ाई के लिए फिर से कमर कसना पड़ेगा। इस बार सरकार बनाये जरूर लेकिन रोड़ा भी बहुत अटकाया ये लोग, हर खड़ी कुछ न कुछ षड्यंत्र रच करके, कभी ऐसा कभी वैसा, कभी ये काम नहीं , कभी केंद्र से पैसा नहीं, तरह तरह के उलझनों में हमें उलझाने का काम किया, अब इस बार ऐसा चुनाव का परिणाम हमलोग निकालकर देंगे जैसे रोड़ में गाड़ी फर्रराटेदार चलती है वैसे सरकार फर्रराटेदार चलेगी।