रांचीः झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना के 56.61 लाख लाभुकों में से करीब 5.46 लाख अपात्र लाभुक मिले है। इन्होने अबतक जरूरी कागजात जमा नहीं किये है। न ही बैंक खाते के आधार से लिंक होने की जानकारी दी है। अब इनके नाम सूची से हटाए जाएंगे। इन्हे अप्रैल और मई की राशि नहीं मिलेगी। इनमें से करीब दो लाख लाभुकों का डेटा मिसमैच है। उन्हे जनवरी से मार्च तक का भुगतान भी नहीं किया गया है।
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झारखंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि योजना की राशि केवल उन लाभुकों को ही दी जाएगी, जिनका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक है। अबतक करीब 51 लाख ऐसी महिलाओं की पहचान हुई है, जिन्हें पात्र लाभुक माना गया है। विभाग इनकी जिलावार सूची बना रहा है। इन 51 लाख लाभुकों को भुगतान के लिए अलॉटमेंट जारी होने वाला है। योजना की शुरूआत में लाभुकों को 1000 रुपए प्रतिमाह दिया जा था। विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे बढ़ाकर 2500 रुपए करने की घोषणा की थी। जिन-जिन राज्यों में इस तरह की लाभकारी योजना महिलाओं के लिए चलाई जा रही है इसमें सबसे ज्यादा राशि झारखंड सरकार 18 से 50 साल की महिलाओं को दे रही है।
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भौतिक सत्यापन में 12.76 लाख लाभुक होल्ड पर थे
दिसंबर की राशि ट्रांसफर होने के बाद बड़ी संख्या में अपात्र लाभुकों की बात सामने आई। इसके बाद सभी जिलों में भौतिक सत्यापन हुआ। इसमें 43.85 लाख लाभुक योग पाए। इनमें से 37.55 लाख लाभुकों के खाते ही आधार से लिंक थे। शेष 12.76 लाख लाभुकों को होल्ड कर रखा गया। लेकिन बाद में सरकार ने इन्हें राहत देते हुए मार्च तक बगैर आधार लिंक खाते में भी पैसे भेजना का फैसला लिया, जिनके दस्तावेज सत्यापन में सही मिले थे। जनवरी में 56.61 लाख लाभुक थे जो सत्यापन के बाद घटकर 43.85 लाख हो गये, इसमें 12.76 लाख होल्ड पर रखे गये। मार्च में 37.55 लाख लाभुक थे जो आधार लिंक से छूट के बाद 50.05 हो गये। अब सत्यापन के बाद करीब 51 लाख लाभुक महिलाएं हो गयीं है। ये योजना झारखंड सरकार की ऐसी योजना है जिसे 2024 विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन सरकार के दुबारा चुनकर आने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है, इसलिए वर्तमान सरकार इसकी कमियों को लेकर बहुत गंभीर रही है और अब सत्यापन के बाद इसे बेहतर तरीके से चलाने और समय पर लाभुकों को राशि दिये जाने की तैयारी है।
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जिलों में कैंप लगाकर की गई आधार सीडिंग
अप्रैल और मई में अलग-अलग जिलों में मंईयां योजना के लाभुकों के लिए बैंक खाते को आधार के साथ जोड़ने के लिए आधार सीड़िंग, सत्यापन और ई-केवाइसी की प्रक्रिया चली। इसके लिए सभी जिलों में कैंप लगाए गए थे। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि योजना की राशि केवल उन महिलाओं को मिलेगी, जिनका खाता आधार कार्ड से लिंक होगा। इधर सत्यापन के बीच मंईयां योजना के लिए नए आवेदन भी लिए जा रहे हैं। पुरानी गलतियों से सीख लेकर इन आवेदनों की स्क्रूटनी और कागजात की जांच हो रही है। बैंक खाता आधार से लिंक है या नहीं, इसपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सबकुछ सही पाए जाने के बाद इन्हें लाभुकों की सूची में जोड़ा जाएगा।