सिमडेगा: कोलेबिरा से कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाये जाने की अधिसूचना को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने पिछले 10 सालों से देश में अघोषित अपातकाल लगा रखा है जिसके बारे में वो क्या कहेंगे। मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में कई ऐसी नीतियां बनाई जो कि इस देश में निवास करने वाले दलित, आदिवासी और यहाँ की गरीब जनता के लिए बहुत ही ज्यादा भयानक समय साबित हुआ है।नोटबन्दी से पूरे देश की जनता को लाइन में लगा दिया गया।पुरे देश में त्राहिमाम की स्थिति पैदा कर दी गई।नोट बंदी के समय कई लोग की जान गई।ये नोट बंदी पूरे देश की जनता के लिए एक अघोषित आपातकाल ही था।
गलत तरीके से GST लागू कर इस देश के सभी छोटे वयापारी को ही लुटने का काम भाजपा की सरकार ने किया और लूटकर अपने पूंजीपति दोस्तों को मालामाल करने का काम किया।GST भी छोटे व्यपारियों के लिए आपातकाल ही है।भाजपा सरकार की गलत नीतियों ने मणिपुर में आदिवासी समाज को हिंसा की आग में धकेल दिया है,मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में आदिवासी समाज के व्यक्ति के मुंह पर पेशाब किया गया।ये सभी कार्य भाजपा के द्वारा किया गया, जो कि आदिवासी समाज के लिए आपातकाल है।उत्तर प्रदेश में दलित समाज पर तरह तरह से अत्याचार किया जा रहा है, जो कि दलित समाज की लिए आपातकाल ही है।देश के अन्नदाता किसानों के ऊपर बर्बर कार्रवाई की गई, उनके ऊपर भाजपा के लोगों के द्वारा गाड़ी चढ़ा कर रौंद दिया गया।किसानों के अहित के लिए तीन काला कानुन को लागु करने का प्रयास किया, जो कि किसानों के लिए आपातकाल ही है।देश के अलग अलग हिस्सों में महिलाओं के विरुद्ध कई तरह की घटनाएं हुई, जैसे मणिपुर में वहाँ की बेटी के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, उत्तर प्रदेश में हाथरस की बिटिया के साथ घटी घटना हो।ऐसे अनगिनत मामले इस देश की महिलाओं के साथ हुआ ये सब इस देश की महिलाओं के लिए आपातकाल ही है।
हत्या दिवस को वो लोग मनाने की बात कर रहे हैं, जिन्होंने संबिधान के एक एक पन्ने को तार तार करने की कोसिस की।बिधायक ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता मिली हुई है,लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता का कानुन रहते हुए झारखंड में धर्म परिवर्तन निषेध कानून को बनाना संबिधान की हत्या नही तो और क्या है?चूँकि संबिधान इस देश को धर्म निरपेक्ष देश घोषित करता है।ये हमारे देश के संबिधान का मूल आधार है।और अनुच्छेद 15 में ये स्पष्ट रूप से है कि इस देश में निवास करने वाले लोगों को किसी भी लिंग, जाति, धर्म के आधार पर पछपात नही करना है लेकिन इन्होंने झारखंड में वैसे आदिवासी जो अनुच्छेद 25 के तहत अपनी स्वेच्छा से धार्मिक आजादी के कारण अपना धर्म मान रहे हैं और अपने आस्था के कारण चर्च का निर्माण किये हैं और अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक समाज को अपने समाज के उत्थान के लिए शैक्षणिक संस्थान और स्वास्थ्य से संबंधित अन्य भवन बनाने एवं संचालन का अधिकार संबिधान से मिला है,परंतु इसमें ईसाई आदिवासी को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से पछपात करते हुए इनके चर्च एवं अन्य भवनों को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया।और अनुच्छेद 15 और 16 में वैसे आदिवासी जो धर्म परिवर्तन किये हैं या इस देश के आजादी से पहले से अपने धर्म को मान रहे हैं ,वैसे आदिवासी को जो ईसाई धर्म में अपनी आस्था रखते हैं उनको नौकरियों और सरकारी सुविधाओं से वंचित रखने के लिए इन्होंने एक नीति लाया था जिसका नाम इन्होंने डिलिस्टिंग दिया है, जिसको कई जगहों पर लागु भी कर दिया था।जिसके कारण असवैंधानिक रूप से जाति प्रमाण पत्र में धर्म का कॉलम डाला गया था।ये सभी बातें संबिधान की हत्या नही तो और क्या है?
बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 सीटों का सपना देखा ताकि बाबा साहब अम्बेडकर के संबिधान की पूर्णतः हत्या कर सके।आज वो ढ़ोंग कर रहे हैं कि उन्हें संबिधान की फिक्र है।
नमन विक्सल कोंगाड़ी ने इसे सिर्फ और सिर्फ देश के मुद्दों से भटकाने वाला कृत्य करार दिया है।उन्होंने कहा कि मोदीजी सिर्फ भुतकाल की बातों को करते हैं।वर्तमान और भविष्य में देश के विकास के लिए उनके पास कोई विजन नही है। मोदीजी को सिर्फ अपनी नाकामी छिपाने के लिए, इस देश के मूल समस्याओं के मुद्दों से भागने के लिए इस तरह के पब्लिसिटी स्टंट की जरूरत पड़ती है, जिससे कि इस देश का ध्यान भटका सकें।परंतु इस देश की जनता ने पिछले आमचुनाव में मोदीजी को ये स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब ये मुद्दों से भटकाने की राजनीति नही चलेगी।इस देश की मौजूदा समस्या के लिए हमेशा नेहरू जी और विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने की भी भ्रामक हरकतें नही चलेगी।उन्हें इस देश की जनता की परेशानियों को दुर करना ही होगा। बहुत हुई जुमलो की बात, अब नही चलेगी भटकाने की बात। अब विपक्ष बहुत ही मजबूत है। , आपके एक एक कृत्य का जोरदार विरोध किया जाएगा।आपको आसानी से इस देश के लोगों के मूल समस्याओं के मुद्दों से भागने भी नही दिया जाएगा।
मोदीजी को इस देश के लोगों को गरीबी से ,बेरोजगारी से, महंगाई से,अशिक्षा से ,देश के दलित, आदिवासी, महिलाओं और दबे कुचलें लोगों को उनके खिलाफ किये जा रहे अत्याचार से आजादी दिलानी ही होगी।नही तो आने वाले समय में 26 मई को जिस दिन पहली बार मोदीजी ने सपथ ली थी उस दिन को इस देश की जनता भाजपा त्रासदी दिवस मनाने पर आमादा हो जाएगी।