डेस्कः दुनिया कितनी तरक्की कर चुकी है इसका अंदाजा एआई तकनीक से लगाया जा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसा देश जहां पहला एटीएम मंगलवार को खुला । जी हां दुनिया के सबसे दूरस्थ देशों में से एक तुवालु ने मंगलवार को अपने पहले एटीएम का उद्घाटन कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया। यह एटीएम फ़ुनाफ़ुति द्वीप स्थित वैआकु गांव में नेशनल बैंक ऑफ तुवालु के मुख्यालय में लगाया गया है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री फेलेती तेओ, गवर्नर जनरल, पारंपरिक नेता, सांसदों और कई व्यावसायिक व कूटनीतिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन तुवालु की वित्तीय व्यवस्था में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बना।
अब तक तुवालु में सभी बैंकिंग कार्य केवल नकद लेन-देन से किए जाते थे। वेतन के दिन कर्मचारियों को लंबी कतारों में लगकर बैंक से नकद निकालना पड़ता था, क्योंकि बैंक दोपहर 2 बजे बंद हो जाता है। अधिकांश लेन-देन जैसे किराना, होटल व सेवाएं पूरी तरह नकद पर ही निर्भर थीं। बैंक के सीईओ सियोसे पेनीताला तेओ ने कहा, “आज का दिन हमारे लिए केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। हमने हमेशा डिजिटल बैंकिंग को एक सपना माना था, लेकिन अब वह सपना साकार हो गया है।”
इस परियोजना की शुरुआत 2021 में हुई थी और इसमें एटीएम तथा पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) मशीनों की स्थापना पर कुल 3 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर से अधिक की लागत आई है। शुरुआत में बैंक ने एक बाहरी सलाहकार के साथ काम किया, लेकिन बाद में फ़िजी की Pacific Technologies Limited कंपनी को सिस्टम की आपूर्ति और स्थापना की ज़िम्मेदारी दी गई। फ़ुनाफ़ुति में अब तक 5 एटीएम और 30 पीओएस टर्मिनल लगाए जा चुके हैं, जो एयरपोर्ट और विभिन्न गांवों में भी उपलब्ध होंगे।
फिलहाल, इन एटीएम का उपयोग केवल प्रीपेड कार्ड के जरिए ही किया जा सकता है। ग्राहकों को एटीएम उपयोग करने के लिए पहले प्रीपेड कार्ड लेना होगा। भविष्य में बैंक तुवालु के डेबिट कार्ड और अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए वीज़ा डेबिट व क्रेडिट कार्ड जारी करने की योजना बना रहा है।
देश के करीब 6,000 बैंक ग्राहकों (जिनके एक से अधिक खाते भी हो सकते हैं) के लिए यह इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग व्यवस्था नकद पर निर्भरता कम करने और दूर-दराज़ के द्वीपों तक बेहतर वित्तीय पहुंच उपलब्ध कराने में मदद करेगी तेओ ने कहा, “हम यह सेवा फिलहाल मुफ्त दे रहे हैं ताकि लोग इसे इस्तेमाल करना सीख सकें। भविष्य में शुल्क पर विचार होगा, लेकिन फिलहाल हमारा उद्देश्य पहुंच और प्रगति है।”
तुवालु दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित एक छोटा राष्ट्र है, जो नौ प्रवाल द्वीपों से मिलकर बना है। इसकी कुल आबादी लगभग 12,000 है, जिससे यह विश्व के सबसे कम जनसंख्या वाले देशों में से एक है। तुवालु कभी ब्रिटिश कॉलोनी हुआ करता था और इसे पहले एलिस द्वीप समूह के नाम से जाना जाता था। यह 1978 में स्वतंत्र हुआ।
तुवालु की कोई स्थायी सेना नहीं है, और इसकी जलवायु परिवर्तन की वजह से डूबने की आशंका भी चर्चा में रहती है। इसके सीमित संसाधन और भौगोलिक अलगाव ने डिजिटल और तकनीकी विकास को अब तक कठिन बना रखा था।