रांची : हजारीबाग से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा का टिकट कटने के बाद उनके पिता यशवंत सिन्हा नाराज चल रहे है। बेटे ने जिस तरह से सक्रिय राजनीति को विदा किया और बीजेपी ने उनकी जगह हजारीबाग से विधायक मनीष जायसवाल को टिकट दिया उसके बाद हजारीबाग का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।
अपने परिवार की राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए यशवंत सिन्हा खुद मैदान में उतर आये है। पिछले दो दिनों से हजारीबाग में बैठकर आगे की रणनीति बना रहे है। हजारीबाग में उनके चुनाव लड़ने की चर्चा काफी गर्म है। इसी बीच कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने मंगलवार को यशवंत सिन्हा से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यशवतं सिन्हा के साथ तस्वीर शेयर करते हुए अंबा ने लिखा कि पूर्व वित्त मंत्री आदरणीय श्री यशवंत सिन्हा जी से मुलाकात कर इंडिया गठबंधन के नीति, सिद्धांतों, आगामी लोकसभा चुनाव एवं अन्य राजनीतिक विषयों पर चर्चा की।
अंबा के इस पोस्ट के बाद उस खबर को बल मिला है जिसमें ये कयास लगाए जा रहे है कि यशवंत सिन्हा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते है। बताया जा रहा है कि इस विषय पर यशवंत सिन्हा लगातार मंथल कर रहे है और अगले कुछ दिनों में कोई बड़ा फैसला ले सकते है। उनपर इंडिया गठबंधन के नेताओं के अलावा क्षेत्र की जनता का भी काफी दवाब चुनाव लड़ने को लेकर आ रहा है। यशवंत सिन्हा अपने बेटे के अपमानजनक विदाई से काफी आहत है और बीजेपी की राह अपने पुराने संसदीय क्षेत्र में मुश्किल करने को लेकर कोई भी फैसला ले सकते है। कहा तो ये भी जा रहा है कि यशवंत सिन्हा को बीजेपी के वर्तमान नेतृत्व के प्रति हमलावर रवैया उनके बेटे के राजनीतिक जीवन के अंत का कारण बना। इन सब विषयों पर चर्चा के बाद यशवंत सिन्हा चुनावी मैदान में उतरने का फैसला कर सकते है।