बिहारः राज्य के लोगों को पहले जहां बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था। वहीं, अब पटना में AIIMS, आईजीआईएमएस और पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों का निर्माण हो चुका है। बिहार का 100 साल पुराना अस्पताल PMCH जो कभी सरकारी उपेक्षा का शिकार था।
अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल के रूप में पहचाना जाएगा। इसका निर्माण पूरा होने के बाद दूसरे राज्यों के लोग यहां इलाज के लिए आएंगे। PMCH में मरीजों के इलाज के लिए 5462 बेड उपल्बध होंगे। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
बिहार के स्वास्थ्य सेवा में ये क्रांतिकारी बदलाव सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुआ है। PMCH में हैलीपैड के बनकर तैयार होने के बाद बिहार के मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा और भी हाई टेक होगी। इसका लाभ दूसरे राज्य के मरीजों को भी मिल सकेगा। जिससे आस पास के राज्यों के मरीजों को भी लाभ मिलेगा। मरीज एयर एम्बुलेंस के जरिए सीधे अस्पताल तक पहुंच सकेंगे।
2005 में जहां बिहार के स्वास्थ्य विभाग का बजट 105.70 करोड़ रुपये था। वहीं, अब 2025 में यह बढ़कर 2003580 करोड़ रुपये हो गया है। इसका परिणाम ये है कि अपनी पहचान खो चुका पीएमसीएच एक बार फिर से अपनी ग्लोबल पहचान हासिल करेगा और ग्लोबल मेडिकल आइकन बनकर उभरेगा।