दिल्लीः आज के प्रधानमंत्री के सार्वजनिक जीवन की तस्वीरें पल भर में दुनिया भर में फैला दी जाती हैं लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब अपना ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने खुद आरटीओ कार्यालय में पहुँच गए । दिल्ली के आईटीओ में मौजूद आरटीओ दफ़्तर में डॉक्टर मनमोहन सिंह की एक भी तस्वीर किसी के पास नहीं है । यह घटना वर्ष 2009 की है ।
जब ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने पहुंचे पीएम
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कभी कार नहीं चलाई लेकिन इस बात का पूरा ख़याल रखा कि उनका लाइसेंस खत्म ना हो जाए । 18 जनवरी 2009 को पूर्व प्रधानमंत्री स्वयं परिवहन कार्यालय जाकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण कराने पहुँच गए थे ।
पत्नी गुरचरण कौर के साथ पहुंचे थे मनमोहन सिंह
अपने विशिष्ट सरल और स्पष्ट स्वभाव के साथ, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वह नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ स्थित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जाकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण कराएं, जो 45 दिन पहले समाप्त हो गया था। हालांकि, उन्होंने सुरक्षा कारणों से रविवार का दिन चुना और अपनी पत्नी गुरशरण कौर के साथ वहां पहुंचे, जिन्होंने भी अपना लाइसेंस रिन्यू कराया था ।
मनमोहन सिंह ने लाइसेंस के लिए दिए थे जरुरी दस्तावेज
उस समय डॉक्टर मनमोहन सिंह की उम्र 76 वर्ष थी । उन्होंने नए बायोमेट्रिक लाइसेंस के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कीं, जिनमें फोटो खिंचवाना और फिंगरप्रिंट देना शामिल था। उन्होंने अनिवार्य चिकित्सा फिटनेस प्रमाणपत्र भी दिया था ।
आरटीओ रविवार को रखा गया था खुला
आरटीओ, जो रविवार को सामान्यतः बंद रहता है, प्रधानमंत्री के लिए विशेष रूप से खोला गया था । सप्ताह के दिनों में परिवहन कार्यालयों में भारी भीड़ रहती थी ।
पहले भी करा चुके थे लाइसेंस रिन्यू
डॉक्टर मनमोहन सिंह 1990 के दशक में इसी आरटीओ से लाइसेंस प्राप्त किया था, जब वह पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। इसके बाद, उन्होंने 2003 में अपना लाइसेंस रिन्यू कराया था जब वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।इसके बाद जब वे प्रघानमंत्री बने थे अपना लाइसेंस रिन्यू कराया ।
राष्ट्रपति और उपराज्यपाल को है छूट
दिल्ली के मोटर वाहन अधिनियम के नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति और उपराज्यपाल को परिवहन कार्यालय जाकर लाइसेंस नवीनीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होती।