डेस्कः सांप और नेवले की दुश्मनी का जिक्र आपने न जाने कितनी कहानियों और किस्सों में सुना होगा। इन दोनों के बीच की ये अनबन ना सिर्फ लोककथाओं में बल्कि हकीकत में भी जगजाहिर है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये दुश्मनी आखिर इतनी गहरी क्यों है? जंतु विशेषज्ञ बताते हैं कि ये दुश्मनी इनके जीवन के संघर्ष और प्राकृतिक प्रवृत्ति का हिस्सा है।
क्या है सांप और नेवले की दुश्मनी की बुनियाद
सांप और नेवला दोनों शिकारी हैं और अपनी भूख मिटाने के लिए शिकार करते हैं। दोनों के लिए अपना इलाका बेहद अहम होता है, जहां कोई दूसरा शिकारी दिखे तो लड़ाई तय है। नेवला खासतौर पर सांप को अपने बच्चों के लिए बड़ा खतरा मानता है क्योंकि सांप छोटे जानवरों और बच्चों को अपना शिकार बना लेता है। इसी डर और आत्मरक्षा की भावना के चलते नेवला सांप से हमेशा भिड़ने को तैयार रहता है।
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लड़ाई में कौन होता है विजेता?
सांप और नेवले के बीच की लड़ाई में अक्सर नेवला जीतता है। इसका कारण है उसकी तेज गति और विष सहने की अद्भुत क्षमता। सांप के जहर का असर नेवले के शरीर पर बेहद कम होता है क्योंकि उसकी कोशिकाओं में खास तरह के रिसेप्टर होते हैं, जो जहर को बेअसर कर देते हैं। नेवले की फुर्ती और हमला करने का तरीका सांप को चकमा देकर उसे हरा देता है।
क्या सांप के पास भी है ताकत?
हालांकि, बड़े और ज्यादा विषैले सांप नेवले को मात दे सकते हैं। अगर सांप अपने डंक में भारी मात्रा में जहर उतार दे, तो नेवले के लिए बच पाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, सांप के घातक वार में अगर नेवला फंस जाए तो उसकी जान जाना तय है।
प्रकृति ने बनाया अनोखा संतुलन
सांप और नेवले की ये दुश्मनी हमें प्रकृति के उस पहलू से रूबरू कराती है, जहां हर जीव अपने अस्तित्व और सुरक्षा के लिए संघर्ष करता है। ये सिर्फ एक लड़ाई नहीं, बल्कि जीवन के संतुलन की वो कहानी है, जो हमें प्रकृति की अद्भुत व्यवस्था का एहसास कराती है।
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