नई दिल्ली: लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जोरदार बहस हो रही है 543 सदस्यीय सदन में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास 293 सांसद हैं, जबकि विधेयक पारित करने के लिए 272 मतों की आवश्यकता है। वहीं, विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के पास 235 सांसद हैं, जबकि गैर-गठबंधन दलों एआईएमआईएम, वाईएसआरसीपी और आजाद समाज पार्टी समेत 241 सांसदों ने भी विधेयक का विरोध करने की घोषणा की है।
- Live Update- कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बिल पेश करने पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें संशोधन देने का पर्याप्त वक्त नहीं मिला
- अमित शाह ने विपक्ष की मांगों को खारिज करते हुए हुए कहा ये कांग्रेस की कमेटी नहीं है हमारी कमेटी चर्चा करती है और संशोधन स्वीकर किए जाते हैं
- ओम बिड़ला ने कहा कि संयुक्त समिति किसी भी विधेयक को बदल सकती है, किसी विधेयक में नए उपबंध भी लाए जा सकते हैं
- किरण रिजिजु ने कहा कि 97 लाख से अधिक याचिकाएं मिली हैं
- 284 डेलिगेशन ने मुलाकात कर कमेटी के सामने सुझाव दिए
कानून मंत्री किरण रिजिजु ने कहा है कि आदिवासी इलाकों में वक्फ लागू नहीं होगा । सरकार ने कहा है कि पांचवीं और छठी अनुसूची में वक्फ लागू नहीं होगा । उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में जमीन की रक्षा के लिए इस तरह का प्रावधान किया गया है ।
एनडीए का गणित: भाजपा के साथ सहयोगी दल भी मजबूती से खड़े
भाजपा के स्वयं के 240 सांसद हैं, जबकि उसके सहयोगी दलों में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 16, जनता दल (यूनाइटेड) के 12, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 5, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 7, राष्ट्रीय लोक दल (RLD), जनता दल-सेक्युलर (JD-S) और जनसेना पार्टी (JSP) के 2-2 सांसद हैं। वहीं, एनसीपी, अपना दल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन और पूर्वोत्तर दलों (AGP, UPPL, SKM) के 1-1 सांसद हैं।
हालांकि, जनता दल (यू) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन वे इसके समर्थन की संभावना जता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ये दल कुछ संशोधन प्रस्तावित कर सकते हैं, लेकिन अंततः विधेयक को समर्थन देंगे।
विपक्ष ने दिखाया कड़ा रुख, कांग्रेस समेत कई दल विरोध में
इस विधेयक के खिलाफ कांग्रेस (99 सांसद), समाजवादी पार्टी (37), तृणमूल कांग्रेस (28), डीएमके (22), शिवसेना (यूबीटी) (9), एनसीपी-एसपी (8), सीपीआई-एम (4), आरजेडी (4), आम आदमी पार्टी (3), झारखंड मुक्ति मोर्चा (3), आईयूएमएल (3), जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (2) और अन्य 13 सांसदों ने मतदान के दौरान विरोध करने की घोषणा की है।
वहीं, गैर-गठबंधन दलों में एआईएमआईएम और आजाद समाज पार्टी के 1-1 तथा वाईएसआरसीपी के 4 सांसद भी इस विधेयक के खिलाफ हैं।
एनडीए सहयोगी दलों की आपत्तियां
जहां टीडीपी ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों की भागीदारी से संबंधित प्रावधान पर आपत्ति जताई है, वहीं जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक के प्रावधानों को पूर्व प्रभाव (retrospective effect) से लागू किए जाने के खिलाफ है।
झा ने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 19 वर्षों से मुस्लिम समुदाय के लिए कार्य किया है और उन्होंने कभी उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होने दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जेडीयू ने संसद की संयुक्त समिति में भी इस पर अपनी आपत्ति जताई थी।
2 बजे से होगी चर्चा, आठ घंटे का समय तय
31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों के साथ वक्फ विधेयक आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में विचार के लिए पेश किया जाएगा। इस पर कुल आठ घंटे की चर्चा तय की गई है, जिसके बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू इस पर जवाब देंगे और सदन की मंजूरी का अनुरोध करेंगे।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर कम से कम 12 घंटे की चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे आठ घंटे तक सीमित कर दिया है। विपक्ष के आक्रामक रुख और कुछ एनडीए सहयोगी दलों की चिंताओं को देखते हुए, यह चर्चा काफी तीखी होने की संभावना है।