रांची: 2005 में पश्चिम सिंहभूम घाटकुरी में स्थित आयरन और माइंस को उषा मार्टिन कंपनी को आवंटित करने के मामले में हुई कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी तत्कालीन खनन निदेशक इंद्रदेव पासवान ने गुरूवार को सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया।सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने इंद्रदेव पासवान को 25-25 हजार के दो निजी मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत दे दी है।
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दरअसल, 2005 में उषा मार्टिन कंपनी को पश्चिम सिंहभूम के घाटकुरी में लौह अयस्क का खदान आवंटित किया गया था। इस आवंटन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आईएएस अधिकारी अरूण कुमार सिंह उस समय खनन विभाग के सचिव थे और इंद्रदेव पासवान खनन निदेशक। सीबीआई ने कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान के तहत 220 2016 में अरूण कुमार सिंह, इंद्रदेव पासवान समेत तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में उषा मार्टिन के प्रमोटरों और खनन विभाग के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। प्राथमिकी में कहा गया था कि खदान के आवंटन के लिए केंद्र सरकार को जो सिफारिश भेजी गई थी उसमें राज्य सरकार की तरफ से अधिकारियों ने कथित रूप उषा मार्टिन के पक्ष में पक्षपात किया। कंपनी ने कथित तौर पर वादा किया था कि वह हाट गम्हरिया में स्थित अपने इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क का उपयोग करेगी। कंपनी ने राज्य सरकार को एक अंडरटैकिंग भी दिया था। CBI ने आरोप लगाया कि कंपनी बाद में यह कहते हुए इस बात से मुकर गयी कि कैबिनेट नोट में इसका कोई विशेष जिक्र नहीं था।