धनबाद : उत्तर प्रदेश के बरेली से आये तीन साधुओं की बंगाल के पुरूलिया में जबदस्त पिटाई का मामला सामने आया है। शुक्रवार को इन साधुओं को ग्रामीणों ने घेर कर पिटाई की और कपड़े भी फाड़ दिया। स्थानीय लोगों ने तीनों साधुओं को निर्वस्त्र कर पीटा। पुलिस ने बड़ी मशक्त के बाद ग्रामीणों के चंगुल से साधु को छुड़ाया और जान बचाई। महाराष्ट्र के पालघर में हुए कांड जैसा मामला दोबारा होने से बच गया।
शनिवार को इन तीनों साधुओं को लेकर पुरूलिया से बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय महतो धनबाद पहुंचे। सांसद इन तीनों साधुओं को यूपी बॉडर तक सुरक्षित लेते हुए जाएंगे। धनबाद पहुंचने पर तीनों साधुओं ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताया। सुनील गोस्वामी नाम के साधु का कहना था कि हम लोग रांची से पुरूलिया होते हुए गंगा सागर के लिए निकले थे। पुरूलिया के काशीपुर के गोरांगडीह गांव में रास्ता भटक गए। वहां से गुजर रहे लोगों से रास्ता पूछने की कोशिश की। इसी दौरान सिटी पुलिस वालिंटियर अनवर शेख ने अपनी गाड़ी रोकी और पूछताछ करने लगे। इसी दौरान अनवर शेख ने ग्रामीणों को बुला लिया और ये कहने लगे कि ये लोग साधु नहीं लग रहे है। महिला और बच्चा गायब करने वाले लग रहे है। इसके बाद वहां लोग इकट्ठा होने लगे और करीब 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई और वो लोग हमें पीटने लगे। भीड़ ने हमारे कपड़े फाड़ दिये और हमें निर्वस्त्र कर दिया। भीड़ को हम छोड़ने के लिए कह रहे थे लेकिन वो हमारी भाषा को नहीं समझ पा रहे थे। भीड़ ने हमारी गाड़ी को भी तोड़ दिया।
इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस वहां पहुंची और हमें थाने लेकर आ गई। इसके बाद पुरूलिया सांसद ने रातभर हमें घर में जगह दी। इस मामले पर पुरूलिया सांसद ज्योतिर्मय महतो का कहना है कि बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, शुक्रवार को दूसरी पालघर घटना होने से बची है। पूरी गलती सिटी पुलिस वालंटियर अनवर शेख की है उसने ही बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर इन साधुओं पर हमला करवाया है। पुलिस उसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाने के लिए उन लोगों को गिरफ्तार किया है जो निर्दोष है, उन लोगों को छोड़ दिया गया है जिन लोगों ने साधुओं को निर्वस्त्र कर पीटा था। अब इन साधुओं को सुरक्षित पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है।