रांचीः बहुचर्चित टेंडर कमीशन घोटाला में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर एक मई को सुनवाई होनी निर्धारित थी। निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद आलमगीर आलम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटया था। इस मामले में सुनवाई से हाईकोर्ट के जज जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय ने खुद को अलग रखने का फैसला किया।
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जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय ने इस मामले से खुद को अलग रखने के बाद इस याचिका को दूसरे बेंच को भेजने का निर्देश दिया है। इससे अब माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर सुनवाई गुर्मी की छुट्टी के बाद होगी।
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ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग की योजना में कमीशन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम सहित अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। इस छापेमारी के दौरान ईडी को जहांगीर आलम के आवास से 32 करोड़ रुपये कैश और संजीव लाल के आवास से कंप्यूटर और डायरी में विकास योजनाओं में कमीशन के रूप में वसूले गये रुपये का पूरा ब्यौरा मिला था। इसके बाद ईडी ने आलमगीर आलम को पूछताछ के लिए बुलाया था और फिर उन्हे 15 मई 2024 को गिरफ्तार कर लिया था।