चाईबासाः शव को कंकाल बनने में वर्षों लग जाते हैं मगर क्या ऐसा हो सकता है कि दफ़नाने के चंद घंटे बाद ही कंकाल बन जाए और ज़मीन से बाहर निकल आए , वो भी आवाज के साथ । जरा सोचिए घर में आप सो रहे हैं और ऐसी घटना हो जाए तो क्या कहेंगे । यक़ीन करें या नहीं लेकिन ऐसा हुआ है । झारखंड के चाईबासा में एक शख्स की मौत होती है और उसे उसी के घर में दफ़नाया जाता है और आधी रात को एक कंकाल ज़मीन फाड़ कर निकल आता है । बताने की ज़रूरत नहीं की घरवालों का क्या हाल होगा और इलाक़े में किस तरह से जंगल की आग की तरह बात फैल गई होगी ।
जमीन फाड़ कर निकला कंकाल
मामला चाईबासा के मंझारी थाना अन्तर्गत ग्राम टेंगरा तालासाई की है । 2 जुलाई मंगलवार को हरिश बिरूवा नामक व्यक्ति की टीबी से मौत गई । तीन जूलाई बुधवार दिन के 8 बजे सामाजिक रीति रिवाज से घर के बाहर शव को दफनाया गया। ठीक रात्रि के 8 बजे मृतक के मिट्टी घर में अचानक एक अजीब सी आवाज आई। आवाज को सुनकर परिवार के सदस्यों ने कमरे में जाकर देखा तो, जमीन फटी हुई थी और उस स्थान पर एक कंकाल का खोपड़ी व हाथ नजर आ रहा था । कमरे में इस मंजर को देखने के बाद होश फ़ाख्ता हो गए । परिवारवालों को तो काटो तो खून नहीं वाली हालत हो गई । फ़ौरन आस-पास वालों को खबर दी गई ।
दफनाया बाहर तो अंदर कैसे निकला कंकाल?
आख़िरकार शव को दफनाने के बाद घर पर कंकाल कैसे आया, ये समझ से परे है। कोई इसे रहा है चमत्कार बता रहा हो तो कोई हरिश बिराना का दूसरा रूप बता रहा है इसी परिवार के साधुचरण बिरूवा ने बताया कि चाचा हरिश बिरूवा की मौत लंबी बीमारी के कारण हो गई थी । शव को दिन के 8 बजे दफनाया गया, ठीक रात्रि के 8 बजे उसी के घर में ही आवाज के साथ जमीन फटी और वहां से कंकाल निकल गया । सवाल ये भी है कि घर के बाहर शव को दफनाया गया था तो अंदर से कंकाल कैसे निकाला?
आखिरकार किसका है कंकाल ?
मृतक की पत्नी भी कंकाल को पति का कंकाल मान बता रही है कि ये उशके पति का दूसरा रुप है । सवाल यह उठता है कि इतनी जल्दी कैसे कंकाल बन सकता है और दूसरी बात की खुद कंकाल कैसे बाहर आ सकता है । इन तमाम सवालों के जवाब अंधविश्वास में नहीं बल्कि वैज्ञानिक जांच पड़ताल से ही संभव माना जा रहा है । सवाल ये भी है कि जो कंकाल निकला वो है किसका औऱ कैसे घर के अंदर जमीन में मिला क्या पहले किसी पूर्वजों को भी यहीं पर दफनाया गया था ।