दमोह (मध्य प्रदेश): सोशल मीडिया पर अक्सर योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर सुर्खियां बटोरने वाला प्रोफेसर N John Camm विक्रमादित्य यादव निकला । कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसकी पोल खोलते हुए एक पोस्ट किया है।
फर्जी डॉक्टर बन कर रहा था सर्जरी
दरअसल दमोह के निजी अस्पताल में एक बड़ा चिकित्सा घोटाला सामने आया है। लंदन की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना केम के नाम पर एक शख्स ने खुद को हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर 15 ऑपरेशन कर डाले। आरोपी की पहचान नरेंद्र यादव के रूप में हुई है, जो बिना किसी मेडिकल डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था।
एक भूरे भूरे बालों वाला शख्स था ट्विटर पर, नाम था प्रोफेसर N John Camm
भूरे बाल, कैमरे के एंगल और थोड़े गोरे से दिखने पर आपको भी यही लगता था ना कि वो कोई अंग्रेज़ हैं?
नहीं, वह नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है, यह ख़ुद को ब्रिटेन का फेसम डॉक्टर बताता था
सोशल मीडिया पर ज़हर उगलना,… pic.twitter.com/3lqbWBgprN
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) April 6, 2025
15 सर्जरी की जिनमें 7 की मौत
जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच नरेंद्र यादव ने यह ऑपरेशन किए। अब तक दो मरीजों की मौत की पुष्टि सीएमएचओ द्वारा की गई है, जबकि मृतकों की संख्या सात तक होने का दावा किया जा रहा है।
पीड़ितों की दर्दनाक कहानी
मंगल सिंह (64) को गैस की शिकायत थी, लेकिन फर्जी डॉक्टर ने उन्हें हार्ट का मरीज बताकर ऑपरेशन कर दिया। कुछ घंटों में ही उनकी मौत हो गई।
वहीं रहीसा बेगम (62) को इलाज के नाम पर केवल दवाइयाँ दी गईं, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उनकी भी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अस्पताल ने न तो फाइल दी और न ही सही जानकारी।
प्रशासन की जांच जारी
दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है। सीएमएचओ की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन की भूमिका भी जांच के घेरे में है।
बताया जा रहा है कि आरोपी नरेंद्र यादव पूर्व में भी फर्जीवाड़े के मामले में जेल जा चुका है और जमानत पर बाहर था। उसने लंदन की डॉक्टर के नाम का इस्तेमाल कर मरीजों को झांसे में लिया।
जनता में आक्रोश
इस घटना ने निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की जांच-पड़ताल और स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त व्यवस्था की जाए।