रांची: 23 अगस्त को रांची के मोरबादी मैदान में हुए बीजेपी के युवा आक्रोश रैली के बाद मुख्यमंत्री आवास घेराव के दौरान हुई पत्थरबाजी और लाठीचार्ज का मामला गर्म हो गया है। एक तरफ रांची के लालपुर थाने में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, अमर बाउरी, संजय सेठ सहित 51 नेताओं पर हत्या के प्रयास का केस थाने में दर्ज किया गया। वही दूसरी ओर पथराव के बाद रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा द्वारा दिये गए बयान पर बवाल मचा हुआ है।
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 23 अगस्त को लाठीचार्ज और पथराव के बाद रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के उस बयान को निशाना बनाया है जिसमें उन्होने कहा था कि जो भारत माता की जय बोलते है वो ही भारत माता के जवानों पर पथराव कर रहे थे। बाबूलाल ने इसे एक पार्टी विशेष के संदर्भ में बयान बताते हुए एसएसपी पर जेएमएम कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उन्होने अपने पोस्ट में लिखा था कि @ranchipolice के एसपी का बेहद आपत्तिजनक वक्तव्य संज्ञान में आया है। इनकी बातों को सुनकर लगता है कि ये राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और अपनी जिम्मेदारियों को छोड़कर झामुमो कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि हेमंत सोरेन की पत्थरबाज पुलिस ने निहत्थे महिलाओं, युवाओं पर अंधाधुंध पत्थर बरसा कर उन्हें गंभीर रूप से जख्मी करने और उकसाने का प्रयास किया।कल मेरे संबोधन के दौरान भी हेमंत सोरेन और इन जैसे अधिकारियों के इशारे पर ही निर्दोष, निहत्थे युवाओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। और हां, रांची एसपी दिमाग में ये बात घुसा लें कि भारत माता की जय बोलने वाला सच्चा देशभक्त होता है, कोई पत्थरबाज नहीं। पत्थरबाज है तो, वो है सत्ता के इशारे पर पत्थर फेंकने वाली हेमंत सोरेन की पुलिस…
रांची जिले में हो रहे आतंकी गतिविधियों, बांग्लादेशी मुसलमानों के घुसपैठ, आदिवासियों पर अत्याचार और निर्दोष लोगों की हत्याओं पर चुप रहने वाले एसपी साहब का राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह बयान देना स्पष्ट करता है कि हेमंत सोरेन ने युवाओं के आक्रोश को दबाने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी झोंक दी।सत्ता तो आते जाते रहती है लेकिन महज सत्ताधारी लोगों के गुडबुक में शामिल होने के लिए ऐसे अधिकारियों के नैतिकता का पतन देखकर दुख होता है। @jharkhandpolice के डीजीपी महोदय, पूर्वाग्रह से ग्रसित संबंधित एसपी और तस्वीरों में दिख रहे पत्थरबाज पुलिसकर्मियों पर उचित कारवाई करें।
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वही रविवार को रांची पुलिस की ओर से इस मामले पर सफाई देते हुए एक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया गया जिसमें कहा कि ये बाबूलाल मरांडी का बयान उचित नहीं है, रांची पुलिस और एसएसपी ने जो बयान दिये वो मीडिया द्वारा पूछे गये सवाल को देखते हुए था, साथ ही बताया कि जब रांची के वर्तमान एसएएसपी 2017-18 में जब सरायकेला के एसपी थे उस समय भी उन्होने मुख्यमंत्री की सुरक्षा के दृष्टि से जेएमएम के नेताओं पर कार्रवाई की थी, यहां तक ही जेएमएम के जिलाध्यक्ष को हिरासत में भी लिया गया था।