रांची..झारखंड में राज्यसभा की खाली हुई दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में हैं । झारखंड मुक्ति मोर्चा के ड़ॉक्टर सरफराज अहमद और बीजेपी के प्रदीप वर्मा के नामों का एलान हो चुका है । एक तीसरा नाम है मुंबई के अरबपति कारोबाीरी हरिहर महापात्रा का नाम । दो सीटों के लिए तीन उम्मीदवारों के नाम का मतलब ही राज्यसभा के चुनावों में हॉर्स ट्रेडिंग यानि विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका की ओर इशार करता है । सीटों के लिहाज से देखें तो अगर दो उम्मीदवार होते तो बीजेपी ओर महागठबंधन के उम्मीदवारों को कोई दिक्कत नहीं होती । क्योंकि तीसरा उम्मीदवार हरिहर माहापात्रा ने चुनाव लड़ने के लिए पर्चा खरीद लिया है इसलिए झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर विवाद होना तय माना जा रहा है । अगर हरिहर महापात्रा ने पर्चा भर दिया तो झारखंड में राज्यसभा का चुनाव हाल में ही हुए हिमाचल प्रदेश के चुनाव के कांड की पुनरावृत्ति हो सकती है ।
जब चुनाव ही करना पड़ा था रद्द
इससे पहले भी झारखंड में जितने भी राज्यसभा चुनाव हुए और ख़ाली सीटों से अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में रहे तो विवाद हुआ ही । मिसाल के तौर पर 2012 के राज्यसभा चुनाव में तो झारखंड में इतिहास रच दिया गया । विधायकों के घर से और उम्मीदवार की गाड़ी से इतने पैसे बरामद हुए की चुनाव आयोग को चुनाव ही रद्द करना पड़ा । पहली बार ऐसा हुआ जब धनबल के बूते चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंचने का हवाला देते हुए यह कदम उठाया गया था। आयोग ने तब यह कदम मतदान की सुबह भारी मात्रा में नकदी जब्त होने के बाद उठाया था। निर्दलीय उम्मदवार आरके अग्रवाल के छोटे भाई सुरेश अग्रवाल की कार से 2.15 करोड़ बरामद की गयी थी। आयोग ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला तब लिया था, मतदान की प्रक्रिया खत्म हो चुकी थी। तब विधानसभा के 81 में से 79 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया था।
जब टीवी पर दिखा हॉर्स ट्रेडिंग लाइव !
झारखंड में 2010 में हुआ राज्यसभा चुनाव भी हॉर्स ट्रेडिंग के कारण झारखंड को बदनाम कर चुका है । उस वक्त हुई धनबल के इस्तेमाल की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी थी । सीबीआई ने ‘वोट के बदले नोट’ मामले में वर्ष 2013 में जांच करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला आज भी अदालत में विचाराधीन है। यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब एक निजी टीवी चैनल ने राज्यसभा चुनाव के दौरान किये गये स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किया था। इसमें खुफिया कैमरे से रिकॉर्ड कर यह दिखाया गया था कि चुनाव में मत की कीमत के तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और भाजपा के विधायक ने 50 लाख से एक करोड़ रुपये की मांग की थी।
केस लड़ने आए थे नथवाणी बन गए राज्यसभा सदस्य
2008 के राज्यसभा चुनाव के पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े चर्चित उद्योगपति परिमल नथवाणी एक केस के सिलसिले में झारखंड हाईकोर्ट आये थे। उसी दौरान उन्होंने यहां से राज्यसभा चुनाव लड़ने का इरादा किया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने में सफल रहे। राज्यसभा चुनाव 2014 में झारखंड से आरजेडी के प्रेमचंद गुप्ता और निर्दलीय परिमल नथवाणी राज्यसभा के लिए चुने गये। दोनों ही उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। वहीं 2015 में एक सीट खाली होने पर बीजेपी के उम्मीदवार एमजे अकबर उच्च सदन पहुंचे।
बाबूलाल मरांडी ने जब रघुवर दास पर लगााए आरोप
2016 का राज्यसभा चुनाव भी विवादों से घिरा रहा। उस वक्त झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, सीएम के सलाहकार अजय कुमार और वरिष्ठ आईपीएस अनुराग गुप्ता पर विधायकों को एक खास प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। उस दौरान बाबूलाल मरांडी ने स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो और ऑडियो रिलीज किया था, जिसमें तत्कालीन सीएम रघुवर दास, कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव से बातचीत करते दिख रहे थे। इस मामले में चुनाव आयोग ने कार्रवाई का निर्देश दिया, इस चुनाव में बीजेपी के दोनों प्रत्याशी विजयी रहे और जेएमएम उम्मीदवार शिबू सोरेन के बेटे बसंत सोरेन को महज कुछ वोटों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा था। हाल में ही इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रेस सलाहकार अजय कुमार और अनुराग गुप्तो को बरी कर दिया गया है । अब बाबूलाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और रघुवर दास ओड़िशा के राज्यपाल।
इस बार भी मुंबई का एक बड़ा कारोबारी चुनावी मैदान में है । हरिहर महापात्रा के बारे में बताया जाता है कि वो बीजेपी के नजदीकी हैं। उनकी पत्नी प्रीति महापात्रा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के उम्मीदवार कपिल सिब्बल के खिलाफ राज्यसभा चुनाव लड़ चुकी हैं । कई बीजेपी विधायकों ने प्रीति महापात्रा का साथ दिया था ।