रांची : राजधानी रांची में भूगर्भ जल का स्तर नीचे जाने पर झारखंड हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए इस पर तेजी से काम करने का निर्देश सरकार को दिया है। सोमवार को स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए जस्सिट आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग सहित भी संबंधित विभाग, केंद्रीय भूजल बोर्ड और मामले के न्याय मित्र को एक संयुक्त रिपोर्ट के साथ सुझाव 22 अप्रैल तक पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही तालाबों और डैमों से जलकुंभी हटाने को भी कहा है।
सुनवाई के दौरान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और आइएसएम धनबाद की ओर से एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गयी। इसमें कहा गया है कि रांची सहित पूरे झारखंड में भूमिगत जल का स्तर प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है। इसलिए भूमिगत जल कैसे रिचार्ज रहेगा इस पर मंथन करने की जरूरत है।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से जवाब दाखिल कर बताया गया कि रांची में अत्यधिक आबादी, पिछले 50 साल में तालाबों के अस्तित्व समाप्त होने, वर्षा कम होने के कारण जलस्तर नीचे की ओर जा रहा है। रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि नगर निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियम बनाये हैं। 300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक के भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी है। भवनों या अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग किया गया है या नहीं इसका सर्वे भी नगर निगम की ओर से किया जाता है। इसका पालन नहीं करनेवाले भवन मालिकों एवं अपार्टमेंट के निवासियों से डेढ़ गुना अतिरिक्त होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है।
सरकार की ओर से बताया गया कि जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग किया जा रहा है । कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छह इंच की डीप बोरिंग के लिए उपायुक्त से अनुमति लेनी पड़ रही है। उपायुक्त की अनुमति के बाद ही डीप बोरिंग की इजाजत दी जा रही है। आम लोगों को चार ईंच की बोरिंग कराने की ही अनुमति है।
रांची के बड़ा तालाब के मामले में रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि सफाई काम तेजी से जारी है। तालाब से कीचड़ निकाला जा रहा है। अक्तूबर माह तक ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो जाएगा। तालाब में जाने वाले नाले के पानी को ट्रीटमेंट करने के बाद ही छोड़ा जाएगा।
इस पर अदालत ने जल संसाधन और नगर विकास विभाग को कहा कि कम बारिश हुई तो लोगों को पानी का पानी कैसे उपलब्ध कराया जाए इसकी जानकारी अगली सुनवाई को शपथपत्र के माध्यम से दी जाए। साथ ही नगर निगम को यह बताने को कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है।
राजधानी रांची में भूगर्भ जलस्तर नीचे जाने पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता, सुधार के लिए राज्य सरकार को तेजी से काम करने का दिया निर्देश

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