डेस्कः संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी ओबीसी और पीडब्ल्यूडी प्रमाण पत्र जमा करने की आरोपी पूर्व IAS प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी है। इससे पहले 15 अप्रैल 2025 को इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूजा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले अपने अंतरिम आदेश को आगे बढ़ा दिया था।
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पूजा खेडकर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांग कोटा का गलत लाभ उठाने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। दिल्ली हाई कोर्ट ने खेड़कर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही गिरफ्तारी पर लगी रोक की हटा दिया था। जिसके खिलाफ पूजा खेड़कर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने पूजा खेड़कर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी की है, साथ ही उन पर अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा का गलत तरीके से फायदा उठाने का आरोप लगाया है।
2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे। इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेड़कर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था। एक सदस्यीय पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट 27 जुलाई की कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी। पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था।