रायपुरः छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सबसे बड़े अभियान में सुरक्षाबलों को सबसे बड़ी सफलता मिलने की खबर है। बताया जा रहा है कि माओवादियों का महासचिव बसवराजू मारा गया है । जी हां जिस बसवराजू की सिर्फ एक तस्वीर अभी सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद है उसे मार गिराना माओवादियों के आतंक के खात्मे की ओर सबसे बड़ा इशारा है । आखिर कौन है बसवराजू और पिछलेै चार दशकों से इस खतरनाक नक्सली को पुलिस किस तरह ढूंढने में नाकाम रही हम आपको बता रहे हैं ।
कौन है बसवराज
नंबाला केशव राव, जिन्हें बसवराजू के नाम से जाना जाता है, प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के नए महासचिव था। 1970 के दशक से नक्सलवादी आंदोलन से जुड़ा था ।भारत के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में शामिल 64 वर्षीय बसवराजू के पास एके-47 होने की जानकारी 2011 की खुफिया ब्यूरो (IB) रिपोर्ट में दी गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बसवराजू की सूचना देने पर डेढ़ करोड़ का इनाम रखा था। इसके अलावा छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों ने भी उनके खिलाफ इनाम घोषित है ।
बसवराज ने बीटेक तक पढ़ाई की
बसवराजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में मंडलम-कोटबोम्मली थाना क्षेत्र के अंतर्गत जियन्नापेटा गांव का रहने वाला था।। बसवराजू ने क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, वारंगल से बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी । उनके अन्य नामों में गंगन्ना, प्रकाश, कृष्णा, विजय, दरपु नरसिम्हा रेड्डी और नरसिम्हा शामिल हैं। बताया जाता है कि उन्होंने 1970 के दशक के अंत में अपने गांव छोड़ दिया था और वहां कोई संपत्ति उनके नाम पर दर्ज नहीं है। छत्तीसगढ़ में पार्टी की नौवीं कांग्रेस के दौरान माओवादियों की एक सभा की एक पुरानी तस्वीर से ही उनकी पहचान बनी हुई है ।
1987 में LTTE से ली ट्रेनिंग
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से चार वर्ष पूर्व बसवराजू और श्रीलंका के आतंकी संगठन लिट्टे के बीच संबध बन गए थे । बताया जाता है कि लिट्टे ने बसवराजू को संगठन तैयार करने, आईईडी बनाने और एंबुस लगाने की तकनीक सिखाई थी । लिट्टे के आतंकियों ने उस वक्त के मध्यप्रदेश के जंगलों में इसे ट्रेनिंग दी थी।
बसवराज 2004 में बना था महासचिव
कड़ी सुरक्षा में रहता था बसवराज
बसवराजू की सुरक्षा व्यवस्था बहुत पुख्ता होती थी । बताया जा रहा है कि छह लेयर की सुरक्षा घेरे में रहता था बसवराजू । कई दशकों से बववराजू ने हजारों नक्सलियों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी । बसवराजू के बारे में बताया जाता है कि उसने संगठन को चलाने में जिस तरह से दिमाग का इस्तेमाल किया उसके आगे पुलिस और खुफिया एजेंसियां हमेशा मात खाती रही है ।