रांचीःमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के अंत में सदन को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होने सदन के अंदर बीजेपी सदस्यों के नहीं होने पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग सदन छोड़कर भाग गये। खेल के मैदान में अगर एक टीम ही गायब हो तो खेल का प्रतिस्पर्धा क्या होगा ये सब जानते है, ऐसा लगता है कि इन्होने पहले ही हार मान ली है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नेता प्रतिपक्ष मिलने पर विपक्षी दलों को धन्यवाद देते है क्योकि पिछले कई सालों ने नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था जिस वजह से कई संवैधानिक कार्य अटके पड़े थे। सरकार हटाने के प्रयास के बावजूद हम पहले से मजबूत होकर आये है। राज्य और देश की जनता ने इनका असली चेहरा देख लिया है, धीरे धीरे इनका नकाब हट रहा है। राज्य की जनता ने देखा कि कैसे महीनों-महीनों आयातित नेताओं के जरिये षड्यंत्र रचा गया।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण, सरना धर्म कोड़ और स्थानीय नीति पर केंद्र सरकार कुंडली मार कर रख लिया है। अब जनता को ही आर-पार की लड़ाई लड़ने होगी। जनता के दरबार में ही इसका फैसला होगा। परिसमन के पीछे भी एक हिडेन एजेंडा है कि कैसे अतिपिछड़ा और आदिवासी की सीटों को घटाया जाए। इस बार बड़ी चतुराई से पूरे देश में परिसिमन को लेकर षड्यंत्र रचा जा रहा है। हम लोग भी पीछे नहीं हटेंगे पूरे दमखम के साथ लड़ाई लड़ेंगे। अंडमान और असम गये झारखंड के आदिवासियों का दर्जा नहीं दिया गया।
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असम के मुख्यमंत्री जो झारखंड में सुपरस्टार बनकर घूम रहे थे उनसे हमने पूछा कि झारखंड के आदिवासी को असम में आदिवासी का दर्जा क्यों नहीं दे रहे है तो उनके पास गोल मटोल जवाब था। हम लोग अब झारखंड से गये हुए आदिवासियों की मदद करेंगे। ये सब बांटने में लगे हुए है एक नेता कहता है कि संथाल परगना को अलग कर दो, एक कहता है कि सरायकेला-खरसावां को अलग कर दो। ये राज्य को राज्य से लड़ाने में लगे हुए है।हेमंता बिस्व सरमा पर निशाना साधते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि उनका राज्य बाढ़ से डूब रहा था और वो यहां अपनी राज्य की जनता को छोड़कर षड्यंत्र रचने में लगे थे। इनको किसी भी हाल में सत्ता चाहिए, विधायक खरीद फरोख्त से लेकर तमाम हथकंडे अपनाये। ये चाहते है कि हर राज्य में इनकी सरकार हो। ये चाहते है कि गरीब-गुरबा, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, आदिवासी के सुरक्षा कवच जो संविधान है उसे ये उठा फेंकने चाहते है। वर्तमान राजनीतिक व्यवहार इनका इतना खराब है कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इतना नीचा स्तर देश आजाद होने के बाद कभी नहीं देखा गया। अलग-अलग तरीके से इस देश को उलझाया जा रहा है कि मै इनके बारे में कहां से शुरू करू और कहा खत्म करू समझ में नहीं आता है। लोगों की आस्था के कमजोर नब्ज को पकड़कर सभी वर्ग के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
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रांची में हुए अनिल टाइगर की हत्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मंत्री मृतक के परिवार से मिलकर आये है और भरोसा दिया है कि हत्यारे की गिरफ्तारी होगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आधा काम तो हमारे पुलिस बल ने कर लिया, एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया, उसी के बयान के आधार पर हत्या की वजह सामने आ रही है। लेकिन बीजेपी के लोग इसको दूसरी तरफ मोड़ रहे है। उन्होने रांची बंद बुलाया और दुकानों को बंद कर दिया। दुकान बंद करने वाले दुकानदार भी इनके ही वोटर है, उनका तो कुछ नहीं गया लेकिन उन मजदूरों का नुकसान हो गया जो वहां दिहाड़ी करते है।
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अभी हाल में कुंभ स्नान का आयोजन हुआ था। अध्यक्ष महोदय जी भी वहां गये थे लेकिन वहां जो वातावरण बना उससे हिम्मत नहीं हुई कि वहां जाए। विपक्ष के लोगों ने इसको एक इकोनॉमिकल मॉडल बनाने का प्रयास किया गया। ये बताया गया कि कुंभ से अर्थव्यवस्था को कितना फायदा हुआ, जबकि हकीकत है कि आज देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है, और धीरे -धीरे नीचे ही जा रहे है, ये न तो गुनाह कबूल करते है और न ही उसमें सुधार करने की कोशिश करते है। जिस तरह से इस देश में जातियों का वर्गीकरण है उससे तो ये नहीं लगता है कि ये सबको चैन से जीने देंगे। ये फूट डालों और शाषण करों की नीति अपना रहे है। पहले रामनवमी और मुहर्ररम में सांप्रदायिक दंगे और तनाव होते थे अब तो होली में भी होने लगे है, यही नहीं क्रिकेट के मैदान पर भी दंगे हो रहे है। जितना इस तरह के निगेटिव चीजों पर ताकत लगाते है उससे ज्यादा पॉजिटिव चीजों पर लगाए तो बेहतर परिणाम आयेगा। यही वजह से कि हमने पॉजिटिव चीजों पर अपनी एनर्जी लगाई और पहले से ज्यादा संख्या में हम चुनाव जीतकर आये है।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईया सम्मान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि महिला सम्मान की राशि से महिलाओं के चेहरे में खुशी आई है, वो अपने और अपने बच्चों के लिए सपने देखने लग गई है। साल दो साल के बाद इस योजना का असर दिखेगा। हमारे विपक्ष इसकी कॉपी कि लेकिन इनकी मंशा पैसे देने की नहीं है। इन्होने दिल्ली में कहा था कि महिलाओं के पैसे देंगे लेकिन चुनाव में जीतने के बाद ऐसा नहीं किया। इन्होने चुनाव आयोग को जूते के नीचे रखा है और इन्ही की को सीढ़ी बनाकर सत्ता पाना चाहती है। हमारी सरकार पूरी मजबूती से पांच साल जनता के लिए काम करेगी। इस राज्य के लोगों का जनादेश बताती है कि जनता का भरोसा इस सरकार पर है, हम आने वाले 25 सालों की कार्ययोजना बनाकर इस सरकार में काम करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने आगे नेतरहाट स्कूल का जिक्र करते हुए कहा कि इनते दिनों तक हमारी विपक्षी पार्टी सत्ता में रही उसने नेतरहाट जैसे संस्थान का बेरागर्क कर दिया। मै एक बार गया था इतने सुंदर हैरिटेज बिल्डिंग का इन्होने सत्यानाश कर दिया। जिस नेतरहाट स्कूल से सबसे ज्यादा देश को आईएएस-आईपीएस अधिकारी मिले है उसको बदहाल कर दिया है। दुमका, चाईबासा बोकारो में इसी तर्ज पर हमने स्कूल बनाने का निर्णय लिया है।