हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकाई को साल 2025 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है । लास्लो का जन्म 1954 में दक्षिण-पूर्वी हंगरी के छोटे से नगर Gyula में हुआ था, जो रोमानिया की सीमा के पास स्थित है। यही ग्रामीण परिवेश उनके पहले उपन्यास ‘Sátántangó’ (सैटानटैंगो) की पृष्ठभूमि बना, जो 1985 में प्रकाशित हुआ (अंग्रेज़ी अनुवाद: Satantango, 2012)। इस उपन्यास ने हंगरी में सनसनी मचा दी और लेखक को तुरंत ख्याति मिली।
लास्लो क्रास्नाहोरकाई (László Krasznahorkai) हंगरी के विश्वप्रसिद्ध उपन्यासकार, दार्शनिक और आधुनिक यूरोपीय साहित्य के प्रमुख लेखकों में से एक हैं। वे अपने लंबे, प्रवाहमय वाक्यों, गहरी दार्शनिक दृष्टि, और अस्तित्ववादी विषयों पर लिखे गए साहित्य के लिए जाने जाते हैं।
उनका जन्म 1954 में दक्षिण-पूर्वी हंगरी के Gyula नगर में हुआ, जो रोमानिया की सीमा के पास स्थित है। इसी ग्रामीण पृष्ठभूमि ने उनके पहले उपन्यास ‘Sátántangó’ (सैटानटैंगो) को आकार दिया, जिसने उन्हें विश्व साहित्य के मंच पर पहचान दिलाई।
📚 साहित्यिक यात्रा की शुरुआत
लास्लो क्रास्नाहोरकाई का पहला उपन्यास ‘Sátántangó’ (1985) हंगरी में एक साहित्यिक सनसनी साबित हुआ। इस उपन्यास में हंगरी के ग्रामीण इलाक़े में रहने वाले गरीब किसानों और श्रमिकों की कहानी है जो साम्यवाद के पतन से पहले की निराशा में जी रहे हैं।
कहानी में दो रहस्यमय पात्र — इरिमियास (Irimiás) और पेत्रिना (Petrina) — लौटकर आते हैं, जिन्हें सब मृत समझ चुके थे। वे लोगों के लिए या तो आशा के दूत हैं या अंतिम न्याय के प्रतीक। उपन्यास के प्रारंभ में काफ्का का उद्धरण — “इस तरह प्रतीक्षा करते–करते मैं शायद उसे खो दूँगा” — पूरी कहानी के भाव को परिभाषित करता है।
बाद में इस उपन्यास पर प्रसिद्ध निर्देशक बेला टार (Béla Tarr) ने 1994 में एक प्रशंसित फ़िल्म बनाई, जिसने क्रास्नाहोरकाई की ख्याति को और बढ़ाया।
🌌 ‘The Melancholy of Resistance’ और वैश्विक पहचान
1989 में प्रकाशित उनका दूसरा उपन्यास ‘Az ellenállás melankóliája’ (The Melancholy of Resistance) ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। यह कहानी एक छोटे से हंगेरियन कस्बे में घटती है जहाँ एक रहस्यमय सर्कस और विशाल व्हेल का शव अराजकता फैलाते हैं।
हिंसा, भय, शासन और अराजकता की इस कहानी ने अमेरिकी लेखिका सूसन सॉन्टैग को उन्हें “समकालीन साहित्य का प्रलय का उस्ताद” (Master of the Apocalypse) कहने के लिए प्रेरित किया।
✈️ सीमाओं से परे: ‘War & War’
उनका तीसरा उपन्यास ‘War & War’ (1999) एक दार्शनिक यात्रा है जिसमें साधारण अभिलेखक कोरिन (Korin) अपने जीवन के अंतिम क्षणों में बुडापेस्ट से न्यूयॉर्क जाता है ताकि वह “दुनिया के केंद्र” का अनुभव कर सके। यह उपन्यास मानव सभ्यता, स्मृति और अर्थ की खोज की गहराई में उतरता है।
🎭 ‘Baron Wenckheim’s Homecoming’ और मानवीय विडंबना
2016 में प्रकाशित ‘Báró Wenckheim hazatér’ (Baron Wenckheim’s Homecoming) को क्रास्नाहोरकाई की सबसे परिपक्व और जटिल रचना माना जाता है। इसमें एक वृद्ध बारॉन की कहानी है जो अर्जेंटीना में वर्षों निर्वासन के बाद हंगरी लौटता है, प्रेम और अपने अतीत की खोज में। यह उपन्यास विडंबना, व्यंग्य और मानवीय निराशा का अद्भुत मिश्रण है।
🇩🇪 ‘Herscht 07769’: आधुनिक जर्मनी की छाया
उनकी 2021 की रचना ‘Herscht 07769’ आधुनिक जर्मनी के एक छोटे शहर की कहानी कहती है जहाँ सामाजिक अस्थिरता, हिंसा और आगज़नी फैली है। इस उपन्यास की पृष्ठभूमि में संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख की विरासत दिखाई देती है। यह रचना हिंसा और सुंदरता के विरोधाभास को मार्मिक ढंग से पेश करती है।
🧘 पूर्व की ओर झुकाव: जापान और चीन से प्रेरणा
क्रास्नाहोरकाई ने बाद में पूर्वी दर्शन की ओर रुख किया। उनका 2003 का उपन्यास ‘A Mountain to the North, a Lake to the South, Paths to the West, a River to the East’ जापान के क्योटो क्षेत्र में घटता है और एक गुप्त उद्यान की खोज की प्रतीकात्मक कथा कहता है।
इसके बाद उनका प्रसिद्ध संग्रह ‘Seiobo There Below’ (2008) आया, जिसमें सत्रह कहानियाँ हैं जो सौंदर्य, कला और सृजन की अमरता को फ़िबोनाची क्रम में बाँधा गया है। यह उनकी सबसे दार्शनिक और कलात्मक रचनाओं में से एक है।
📖 अन्य प्रमुख रचना
उनका छोटा उपन्यास ‘Spadework for a Palace’ (2018) न्यूयॉर्क के मैनहैटन में घटता है और लेखन, पागलपन और प्रेरणा के विषयों पर केंद्रित है। यह रचना लेखक हर्मन मेलविल और उनकी आत्मा के प्रति एक व्यंग्यपूर्ण श्रद्धांजलि है।
🏆 सम्मान और योगदान
- मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार (2015)
- फ्रांज काफ्का पुरस्कार (2019)
- नेशनल बुक क्रिटिक्स सर्कल अवॉर्ड (अमेरिका)
- ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ हंगरी





