Nimisha Priya Case: यमन में सजा-ए-मौत का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। खबर है कि यमन में अधिकारियों ने उनकी सजा को पूरी तरह से पलट दिया है और फांसी को रद्द करने का फैसला किया है। निमिषा को साल 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। इसके बाद हाल ही में उन्हें 16 मई को फांसी देने का ऐलान किया गया था, जिसे टाल दिया गया था।
समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय ग्रैंड मुफ्ती एपी अबुबकर मुसलैयार के दफ्तर के हवाले से लिखा, ‘निमिषा प्रिया की मौत की सजा को पहले निलंबित कर दिया गया था, अब उसे पूरी तरह पलट दिया गया है। सना में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पहले निलंबित की हुई सजा को पूरी तरह से रद्द करने का फैसला किया गया है।’ सना यमन की राजधानी है और यहीं जेल में निमिषा सजा काट रही हैं।
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हालांकि, ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने यह भी जानकारी दी है कि अब तक यमनी सरकार से आधिकारिक संदेश नहीं मिला है। वहीं, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी अब तक सजा रद्द होने की पुष्टि नहीं की गई है।
प्रिया को पहले फांसी 16 जुलाई को दी जानी थी। केरल के पलक्कड़ जिले की नर्स प्रिया को 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और उसकी अंतिम अपील 2023 में खारिज कर दी गई थी। वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है।
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38 साल की निमिषा ने साल 2008 में बेहतर रोजगार के लिए यमन का रुख किया था। वहां उनकी मुलाकात महदी से हुई और दोनों ने मिलकर क्लीनिक खोलने का फैसला किया। बाद में कथित तौर पर दोनों की साझेदारी में तनाव आ गया और खबरें हैं कि तलाल ने निमिषा के पति होने का दावा करना शुरू कर दिया था और उसे परेशान करता था। कथित तौर पर निमिषा का पासपोर्ट भी अपने कब्जे में कर लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स में यमनी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि निमिषा ने साल 2017 में तलाल को बेहोश कर पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश की थी, लेकिन ड्रग ओवरडोज के चलते तलाल की मौत हो गई। इस केस में निमिषा को गिरफ्तार किया गया और फिर साल 2018 में उन्हें हत्या का दोषी पाया गया। निमिषा की मौत की सजा रोकने के लिए केंद्र सरकार भी लगातार प्रयास कर रही थी।








