पटनाः सोमवार को देशभर में करीब 22 लाख अभ्यर्थियों ने नीट परीक्षा में भाग लिया। देश के 5414 केंद्रों पर हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यह फर्जीवाड़ा बिहार के समस्तीपुर जिले में हुआ है। यहां मूल अभ्यर्थी की जगह एमबीबीएस डॉक्टर परीक्षा देते हुए पकड़े गए। पुलिस ने समस्तीपुर के विभूतिपुर के रहने वाले डॉक्टर रंजीत कुमार और दरभंगा के लहेरियासराय के रहने वाले रामबाबू मलिक को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर रंजीत बेगूसराय जिले में सरकारी डॉक्टर है। रामबाबू सेटर है। दोनों के मोबाइल फोन से नीट यूजी के 6 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, आधार, फोटो और हस्ताक्षर मिले है।
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पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सभी कैंडिडेट्स डॉक्टर रंजीत के परिचित है। स्कॉलर बनने वाले डॉक्टर की व्यवस्था रामबाबू ने की थी। वह पटना में बैठे एक परीक्षा माफिया के लिए काम करता है। पुलिस को माफिया और स्कॉलर डॉक्टरों की तलाश है। पुलिस ने इनके पास से एक कार, 50 हजार रुपये नकद और तीन मोबाइल फोन के साथ नीट परीक्षा से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किये हैं।
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समस्तीपुर सदर एएसपी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस ने बिहार के कई परीक्षा माफियाओं और सेटरों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे थे। कई जिलों में छापेमारी भी की गई। इसी दौरान समस्तीपुर के बारे में इनपुट मिला। रंजीत अभ्यर्थी जुटाता था और रामबाबू पटना के माफिया के जरिए, स्कॉलर की व्यवस्था करता था। स्कॉलर बने डॉक्टरों को 2 से 5 लाख रुपए दिये जाते थे। अभ्यर्थियों से 8 से 10 लाख रुपए लेते थे।
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वाट्सएप चैट से भी फर्जीवाड़े के साक्ष्य बरामद हुए हैं। पुलिस इन दस्तावेजों के आधार पर गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही है और जिन अभ्यर्थियों के बदले स्कॉलर बैठाने की योजना थी, उनकी भी जांच की जा रही ह। एएसपी ने बताया कि इसके साथ ही आर्थिक अपराध इकाई ने टेलीग्राम चैनल के जरिये पेपर लीक के नाम पर की जा रही ठगी का भी भंडाफोड़ किया है। इस मामले में अररिया जिले के इस्लाम नगर निवासी एसके फैज को गिरफ्तार किया गया है जो इस साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है। एसके फैज ने नीट पेपर लीक नामक टेलीग्राम चैनल बनाकर प्रशनपत्र उपलब्ध कराने का झांसा देकर यूपीआइ आइडी के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाता था।