पटना: देशभर में नीट परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ है। मेडिकल के छात्र अभी भी पेपर लीक को लेकर एनटीए पर सवाल खड़ा कर रहे है। छात्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भले ही ग्रेस मार्क्स वाले 1563 अभ्यर्थियों की परीक्षा फिर से कराने का आदेश दे दिया, लेकिन बिहार पुलिस जो जांच कर रही थी उसका क्या हुआ, जो कहती है कि पेपर लीक हुआ है।
5 मई को हुई नीट की परीक्षा में बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले को लेकर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद जांच हुई तो पता चला कि परीक्षा से पहले लगभग 35 अभ्यर्थियों को नीट-यूजी के प्रश्नपत्र और उत्तर उपलब्ध कराये गए थे, लेकिन अभी तक इस मामले में सख्त एक्शन नहीं लिया गया है और न ही एनटीए का कोई जवाब ही आया है।
छात्रों का कहना है कि नीट परीक्षा में शुरू से ही गड़बड़ी है, पेपर लीक को लेकर सुप्रीम का दरवाजा भी खटखटाया गया लेकिन परीक्षा को नहीं रोका गया, री एग्जाम के बाद छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया है। छात्रों का कहना है कि एनडीए ने अपनी गलती छुपाने के लिए 23 लाख छात्रों के साथ इंसाफ नहीं किया है।
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पेपर लीक को लेकर एनटीए ने बिहार पुलिस को नहीं दिया जवाब
बिहार पुलिस का कहना है कि जो पेपर पुलिस ने बरामद किये है, ये साफ नहीं हो पाया है कि वो लीक पेपर था या नहीं, क्योकि इसको लेकर एनटीए ने कोई जवाब नहीं दिया है। बिहार पुलिस की जांच में सामने आया था कि पेपर मध्यप्रदेश और गुजरात से आया था। सूत्रों की माने तो पेपर लीक ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक हुआ था। इसके साथ ही बिहार पुलिस को जले हुए लीक प्रश्नपत्र भी मिले है। जिसको लेकर एनटीए की ओर से किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया गया है कि क्या ये जले हुए प्रश्नपत्र वही है जो परीक्षा में आये थे, या ये कोई और प्रश्नपत्र है। पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार लोगों में कुछ छात्र, परिजन और दलाल है। नीट प्रश्नपत्र लीक मामले में कई आरोपियों का कबूलनामा भी पुलिस के पास है। एनटीए ने बिहार से बरामद हुए जले लीक पेपर के बारे में अपनी रिपोर्ट पुलिस को नहीं दी है।
पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने सबसे पहले सिकंदर नाम के व्यक्ति को पकड़ा था, उसके बारे में बिहार पुलिस के पास इनपुट था। आरोपियों ने कई सेंटर और सेफ हाउस में पेपर सॉल्वर बैठाए थे, जिनके पास पहले से ही प्रश्नपत्र मौजूद था। जूनियर इंजीनियर सिंकदर प्रसाद यादवेंदू को अखिलेश और बिट्टू के साथ पटना के शास्त्रीनगर पुलिस ने बेली रोड़ पर राजवंशीनगर मोड़ पर नियमित जांच के दौरान गिरफ्तार किया था। इसके पास से नीट के प्रश्नपत्र भी मिले थे। यादवेंदू द्वारा दिये गये इनपुट के आधार पर आयुष, अमित और नितिश को गिरफ्तार किया गया इसके बाद नालंदा से संजीव सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि गिरोह ने संदिग्ध कोचिंग केंद्रो के माध्यम से छात्रों से संपर्क किया था। गिरफ्तार आरोपियों में एक अमित आनंद पटना में एजुकेशनल कंसल्टेंसी चलाता है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की जांच में पता चला है कि प्रश्नपत्रों की आवाजाही में शामिल एजेंसियों के कर्मचारियों ने ट्रांसपोर्टेशन के दौरान ही पेपर को लीक किया था।