रांचीः झारखंड के पाकुड़ से सटे मुर्शिदाबाद में वक्फ को लेकर पिछले कई दिनों से हिंसा हो रही है। शमशेरगंज में शनिवार को पिता-पुत्र की इस हिंसा में मौत हो गई। शनिवार देर रात पूरे इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के डीजीपी खुद मुर्शिदाबाद में कैंप कर रहे है।वहीं रविवार को रांची में ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के बैनर तले विभिन्न मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोगों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से संशोधित वक्फ एक्ट को वापस लेने की मांग की।
मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई और उग्र, भीड़ ने पिता-पुत्र को मार डाला, धारा-163 लागू
वक्फ कानून में संशोधन की मांग करते हुए सबसे पहले मुस्लिम संगठन के लोगों ने जामताड़ा में धरना दिया। इसके बाद रविवार को रांची में महाधरना दिया। अब ये सोमवार को हजारीबाग में धरना देंगे। इसके बाद राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह का धरना होगा।

वक्फ कानून में संशोधन को लेकर धरना दे रहे वक्तताओं ने कहा कि वक्फ कानून में किया गया संशोधन भारतीय मुसलमानों की धार्मिक स्वायत्तता और मौलिक अधिकारों का हनन है। महाधरना के दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश और झारखंड में वक्फ की जमीन पर मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार, खानकाह, मकबरा, मुसाफिरखाना के अलावा दुकान-मकान, संस्थान, खेल के मैदान हैं। जो हमारे पूर्वजों द्वारा अपनी निजी जमीन को वक्फ की जमीन है।हाथ में तिरंगा और वक्फ कानून वापस लो की तख्तियां लिए अलग-अलग हिस्सों से आये लोगों ने कहा कि यह न सिर्फ मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि वक्फ की संपत्तियों में सरकारी दखल को बढ़ाने वाला भी है। मौलाना असगर मिस्बाही ने कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जगह दिए जाने से कई समस्याएं बढ़ेंगी।